6 Animals eat poop: कुछ जानवर अपनी ही पॉटी खाते हैं, जिसे कॉप्रोफैजी कहते हैं. यह व्यवहार उन्हें बेहतर पाचन, जरूरी बैक्टीरिया और पोषक तत्वों को दोबारा पाने में मदद करता है. हाथी, खरगोश, हिप्पो, गोरिल्ला जैसे जानवर अपनी सेहत के लिए ऐसा करते हैं. इंसानों को भले अजीब लगे, लेकिन ये उनके लिए जरूरी है.
हम इंसानों के लिए अपनी ही पॉटी खाना घिनौना और अजीब लग सकता है, लेकिन जानवरों की दुनिया में ये व्यवहार कई बार जरूरी और फायदेमंद होता है. वैज्ञानिक भाषा में इसे कॉप्रोफैजी कहा जाता है, यानी अपनी या दूसरों की पॉटी खाना. कुछ जानवर ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि इससे उन्हें जरूरी पोषक तत्व, बैक्टीरिया, और पाचन में मदद मिलती है. ये प्रक्रिया उनकी सेहत के लिए जरूरी होती है. आइए जानते हैं ऐसे 6 अजीब जानवरों के बारे में...
जब हाथी का बच्चा बड़ा होता है और घास-पत्तियां खाना शुरू करता है, तो उसका पेट अभी उन्हें पचाने के लिए तैयार नहीं होता. इसीलिए वो अपनी मां की पॉटी खाता है. इससे उसके शरीर में वो बैक्टीरिया पहुंचते हैं जो घास को पचाने में मदद करते हैं.
हिप्पो घास खाते हैं, लेकिन उनके बच्चे शुरू में इसे पचा नहीं सकते. ऐसे में वे वयस्क हिप्पो की पॉटी खाते हैं ताकि उनके पेट में भी जरूरी गट बैक्टीरिया आ सकें. इससे वे धीरे-धीरे घास को पचाने लायक बनते हैं.
खरगोशों का भोजन जैसे घास और पत्तियां बहुत कठिन होते हैं, जिन्हें एक बार में पूरी तरह पचाना मुश्किल है. इसलिए वे पहले एक सॉफ्ट टाइप की पॉटी (cecotropes) बनाते हैं और उसे दोबारा खा जाते हैं. इससे उन्हें छूटे हुए विटामिन और पोषक तत्व मिल जाते हैं.
ये छोटे-से जानवर भी कभी-कभी अपनी पॉटी खाते हैं. ऐसा तब ज्यादा होता है जब उन्हें पोषण की कमी होती है या खाना कम मिलता है. पॉटी खाने से वे विटामिन B और अन्य पोषक तत्व वापस शरीर में ले आते हैं.
गोरिल्ला अक्सर पत्ते और डंठल जैसे सख्त चीजें खाते हैं जो आसानी से नहीं पचतीं. इसलिए कई बार वे अपनी ही पॉटी खाते हैं, ताकि पहले पाचन में जो पोषक तत्व छूट गए थे, उन्हें फिर से पचाकर शरीर को पूरी ताकत मिल सके. ये उनके लिए फायदेमंद होता है.
पालतू कुत्ते कभी-कभी अपनी या दूसरे जानवरों की पॉटी खा लेते हैं. ऐसा वे तब करते हैं जब उन्हें तनाव या फिर बोर हो जाते हैं. उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है. ये आदत उनके लिए हानिकारक हो सकती है और वे बीमार पड़ सकते हैं. इसलिए कुत्तों के मालिक को उनकी अच्छी देखभाल करनी चाहिए और अगर ऐसी आदत दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.