Air India Plane crash: अहमदाबाद में जहां एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त (Ahmedabad plane crash) हुआ था, वहां पर एक पुलिस इंस्पेक्टर भी रेस्क्यू के काम में जुटा था. उस पुलिसवाले को अचानक कुछ याद आता है और उसके अंदर का पिता मन ही मन किसी अनहोनी की आशंका से परेशान हो उठता है, हालांकि उसने हिम्मत नहीं हारी और अपने काम पर जरा भी असर नहीं पड़ने दिया. क्या है इस पुलिसवाले की कहानी और अहमदाबाद विमान दुर्घटना के दौरान जान बचने का एक और VIRAL किस्मत कनेक्शन, जिसके बारे में जानकर आप भी इमोशनल हो जाएंगे.
12 जून 2025 का दिन गुजरात और भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया नहीं भूलेगी. इसी दिन एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद के मेघाणीनगर थाना क्षेत्र में एक मेडिकल हॉस्टल और मेडिकल मेस से टकराकर गिर गया था. उस हादसे में 241 पैसेंजर्स और कई स्थानीय लोग मारे गए थे. विमान के दुर्घटनाग्रस्त होते ही भयानक आग लग गई और अफरा-तफरी मच गई थी. जैसे ही ये दुर्घटना घटी, सभी आपातकालीन रेस्क्यू फोर्स और पूरा प्रशासनिक अमला दुर्घटना स्थल पर पहुंच गया था. इन टीमों में स्थानीय पुलिस यानी मेघाणीनगर पुलिस का अमला भी क्रैश साइट पर पहुंचकर बचाव कार्य में हाथ बटाने लगा. उन पुलिसवालों में मेघाणीनगर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक डी.बी. बसिया भी घटनास्थल पर पहुंचे और जी-जान से काले धुएं और आग के शोलों के बीच राहत काम में जुट गए.
जब भीषण आग और धुआं थोड़ा कम हुआ तो उनकी नजर उस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के हॉस्टल की बिल्डिंग 'अतुल्यम' पर पड़ी तभी अचानक एक पिता की भावनाएं बाहर आ गईं. क्योंकि उनका अपना बेटा रजत बसिया इस अतुल्यम मेडीकल हॉस्टल में MBBS के सेकेंड इयर में पढ़ रहा था और उसी बिल्डिंग में रहता था. इसके अलावा जिस मेडिकल हॉस्टल की मेस पे यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसके एक डॉक्टरों के समूह का इंचार्ज पुलिस वाले का बेटा रजत बसीया था. जो अपने साथियों के साथ हर दिन दोपहर और शाम को अपने डॉक्टर साथियों के साथ लंच और डिनर पर जाता था.
विमान दुर्घटना के समय एक पुलिस इंस्पेक्टर अपनी ड्यूटी कर रहा था उसी समय एक पिता भी इस बात से चिंतित था कि उसके बेटे रजत के साथ क्या हुआ होगा. फिर, उन्होंने तुरंत सोचा कि सबसे पहले घर पर अपनी पत्नी को फोन करके पूछे कि उसने अपने बेटे से कब बात की यानी उनका बेटा रजत कहां है, लेकिन वह इस विचार को भी टाल रहा था क्योंकि अगर वह अपनी पत्नी को फोन करता तो ऐसी बातें सुनकर परिवार दहशत में आ जाता. इसलिए पीआई डीबी बासिया ने सबसे पहले अपने बेटे रजत को फोन करने का सोचा और जब तक उनके बेटे रजत ने फोन की दो-तीन घंटियां बजने के बाद फोन उठाया, तब तक पीआई के मन में इस घटना के साथ-साथ अपने बेटे के बारे में कई तरह के अच्छे-बुरे यानी निगेटिव और पॉजिटिव थॉट्स आ चुके थे. वहीं कुछ मिनट बाद उन्होंने बेटे रजत के नंबर पर कॉल किया को बेटे ने ही फोन उठाया और पीआई डीबी बसिया ने पिता की भूमिका निभाते हुए अपने बेटे से पहला सवाल पूछा, रजत कहां है? रजत ने जवाब दिया, पापा, मैं घर पर हूं. डीबी बसिया ने दूसरा सवाल पूछा, तुम आज कॉलेज क्यों नहीं गए? बेटे रजत ने कहा, मैं परीक्षा की तैयारी कर रहा था और दोपहर को हॉस्टल चला जाऊंगा और पीआई डीबी बसीया इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने रजत की मां को फोन करके पूछा कि रजत कहां है. रजत की मां ने भी उन्हें बताया कि रजत घर पर ही है, तब पीआई डीबी बसिया ने राहत की सांस ली और अपनी ड्यूटी में जुट गए.
तभी बेटे रजत बसीया को पता चला कि उनके मेडिकल मेस और मेडिकल हॉस्टल पर विमान क्रैश हो गया है और उनके पिता पीआई वहीं पर रेस्क्यू में जुटे हैं और उन्होंने बेटे की सलामती जानने के लिए फोन किया था कि उनका बेटा कहां है. फिर बेटा रजत अपने पिता पीआई से मिलने के लिए घटनास्थल और पुलिस स्टेशन आया, लेकिन पीआई डीबी बसिया काम में व्यस्त थे और व्यक्तिगत रूप से उनसे नहीं मिल सके. उसके बाद उन्होंने अपने बेटे और परिवार के साथ वीडियो कॉल करके घटना के समय की अपनी भावनाओं को व्यक्त किया. उस समय पीआई डीबी बसिया और उनका परिवार भी रो पड़ा था.
उस विमान दुर्घटना में 242 यात्रियों में से केवल एक यात्री जीवित बचा था, जिसे लोग कुदरत का करिश्मा बता रहे हैं. इसी तरह पुलिस विभाग मेघाणीनगर थाना के पीआईडीबी बसिया के बेटे रजत की जान बच जाने के इस मामले को भी किस्मत कनेक्शन से जोड़ कर देखा रहा है. एक पिता की कर्तव्यपरायणता और उसके भीतर के पिता के बीच जो उन चंद घंटों तक अंतरद्वंद चला उसकी कहानी जानकर लोग इमोशनल हो रहे हैं.