Skanda Purana Prediction on Ganga: जरा सोचिए क्या होगा अगर केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम और गंगा नदी लुप्त हो जाएं. यह सोचकर ही कंपकंपी छूट जाती है. जानिए वह भविष्यवाणी जो करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ी इन तीर्थों को लेकर की गई है.
Apocalypse Predictions: हिंदुओं की चार धामों और गंगा नदी से गहरी आस्था जुड़ी है. हर साल केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम यात्रा के लिए लाखों की संख्या मे श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं. वहीं हर खास मौके पर गंगा नदी में डुबकी लगाई जाती है. केदारनाथ ऐसा चमत्कारिक मंदिर है जो भयानक जलप्रलय में भी सीना तानकर खड़ा रहा. लेकिन इस मंदिर को लेकर एक ऐसी भविष्यवाणी की गई है, जो दिल दहलाने वाली है.
स्कंद पुराण में भविष्यवाणी की गई है कि एक समय ऐसा आएगा जब ये दोनों धाम अदृश्य या लुप्त हो जाएंगे. सामान्य लोगों के लिए इन तीर्थस्थानों तक पहुंचना असंभव सा हो जाएगा. पुराणों में कहा गया है कि ऐसा तब होगा जब नर नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे.
स्कंद पुराण के अनुसार- कलियुग के प्रथम चरण में बद्रीनाथ तीर्थ अदृश्य हो जाएगा. कलियुग का प्रथम चरण पूरा हो रहा है. लिहाजा यह भविष्यवाणी चिंताजनक है. इतना ही नहीं इसमें बताया गया है कि बद्रीनाथ के लुप्त होने से पहले कुछ संकेत मिलेंगे. जिसमें पहला संकेत होगा जोशीमठ में विराजमान भगवान नरसिंह देव के हाथ विग्रह से अलग हो जाएंगे.
कुछ रिपोर्ट्स के आधार पर मंदिर के पुजारी ने बताया है कि पिछले कुछ सालों से भगवान की उंगलियां पतली हो रही हैं. यदि ये उंगलियां हाथ से अलग हुईं तो भगवान ब्रदीनाथ यह स्थान छोड़ देंगे. इसी के साथ केदारनाथ और बद्रीनाथ आने के रास्ते हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे. इसके बाद भविष्य केदार और भविष्य बद्री ही भक्तों के लिए नए धाम होंगे. ये दोनों जगहें जोशीमठ से करीब 25 किलोमीटर दूर हैं.
स्कंद पुराण में पवित्र गंगा नदी को लेकर जो भविष्यवाणी की गई है उसके अनुसार गंगा नदी भी धरती से लुप्त हो जाएगी. गंगा जी शिव की जटाओं के रास्ते वापस ब्रह्मा के कमंडल में लौट जाएंगी.
(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)