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Glomerular Diseases: वो बीमारी जिसमें खराब होने लगते हैं गुर्दे के फिल्टर, किडनी फेलियर का हाई रिस्क, ये 5 लोग रहे सावधान


ग्लोमेरुलर डिजीज आपके किडनी के फिल्टर यूनिट में खराबी की विशेषता वाली बीमारी है. इसे लंबे समय तक अनदेखा करने स से किडनी डैमेज का खतरा होता है. कुछ गंभीर मामलों में किडनी फेलियर भी हो सकता है. ये समस्या आमतौर पर किन लोगों में होती हैं, चलिए यहां समझते हैं. 

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किडनी फिल्टर में खराबी
किडनी फिल्टर में खराबी

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस गुर्दे की एक तरह की बीमारी है. इसमें आपके गुर्दे के छोटे फिल्टर, ग्लोमेरुली को नुकसान पहुंचाना शामिल है. ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस से पीड़ित व्यक्ति के गुर्दे को शरीर से मल और तरल पदार्थ निकालने में कठिनाई हो सकती है. 

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ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के टाइप
ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के टाइप

एक्यूट ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस अचानक शुरू होता है. क्रोनिक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस धीरे-धीरे शुरू होता है, और कुछ समय तक बना रहता है. वहीं, कुछ लोगों को एक गंभीर दौरा हो सकता है.

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किडनी फिल्टर डैमेज होने के लक्षण
किडनी फिल्टर डैमेज होने के लक्षण
झागदार पेशाब खून के कारण पेशाब का रंग पिंक नजर आना आंखों के आसपास सूजन एडिमा- हाथों, तलवों में सूजन बीपी का अचानक बढ़ना मतली या उल्टी नॉर्मल से कम यूरिन आना
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किडनी फिल्टर खराब होने की वजह
किडनी फिल्टर खराब होने की वजह

ग्लोमेरुलर डिजीज में कई जोखिम कारक शामिल हैं. इनमें मधुमेह और ल्यूपस, HIV और हेपेटाइटिस सी जैसे संक्रमण और जेनेटिक कारक शामिल हैं. इसके अलावा, मोटापा, हाई बीपी और कुछ कैंसर भी इसके लिए जिम्मेदार साबित हो सकते हैं. 

 

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इन 5 लोगों को ज्यादा खतरा
इन 5 लोगों को ज्यादा खतरा

-  किडनी डिजीज की फैमिली हिस्ट्री -  लंबे समय से हार्ट मेडिकेशन पर चल रहे लोग -  टॉक्सिन्स के संपर्क में आने से - ऑटोइम्यून रोग हो सकता है, जैसे स्ट्रेप या बैक्टीरियल एंडोकार्डिटिस

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क्यों जरूरी ग्लोमेरुलर डिजीज का तुरंत इलाज
क्यों जरूरी ग्लोमेरुलर डिजीज का तुरंत इलाज

यदि किडनी फिल्टर के खराब होने पर इसका इलाज तुरंत शुरू नहीं किया जाए तो इससे ब्लड क्लोटिंग, क्रोनिक किडनी डिजीज, हाई बीपी की समस्या, हाई कोलेस्ट्रॉल, किडनी फेलियर और निफ्रोटिक सिंड्रोम हो सकता है. 

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कैसे करें जांच
कैसे करें जांच

यह बीमारी आमतौर पर जांच के दौरान ही सामने आती है. इसके लिए यूरिन टेस्ट, ब्लड टेस्ट, किडनी बायोप्सी, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे करवाने की सलाह दी जाती है. 

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किडनी फिल्टर को खराब होने से कैसे बचाएं
किडनी फिल्टर को खराब होने से कैसे बचाएं

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं है. लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों से इसके रिस्क को कम किया जा सकता है. इसमें बैलेंस्ड डाइट, नमक का कम सेवन, रेगुलर एक्सरसाइज के साथ बीपी और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना सेक्सुअल इंफेक्शन से बचाव के उपायों को अनदेखी न करना शामिल है.  Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.





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