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अधूरी पढ़ाई और फुटपाथ पर ₹50 में शर्ट बेचने वाला बन गया बिजनेस का ‘शहंशाह’,अमिताभ बच्चन की फिल्म ने बदल दी किस्मत, खड़ी कर दी ₹100 करोड़ की कंपनी

Raja Nayak Success Story:  अमिताभ बच्चन की एक फिल्म ने राजा नायक की किस्मत बदल दी. जो कभी बेंगलुरु की सड़कों पर 50-50 रुपये से शर्ट बेचा करना था, वो आज 100 करोड़ की कंपनियों का मालिक है. 

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Who is Raja Nayak
 Who is Raja Nayak

Who is Raja Nayak: फिल्में देखकर अपना वक्त बर्बाद मत करो...अगर अगली बार आपसे कोई ये बात कहे तो उसे राजा नायक का किस्सा जरूर सुनाइए. राजा नायक, जिसने अपनी किस्मत एक फिल्म देखकर बदल ली. वरना गरीबी की दलदल, अधूरी पढ़ाई और बिना किसी सपोर्ट के कोई 100 करोड़ का कारोबार खड़ा नहीं कर सकता है. 3 घंटे की फिल्म राजा के लिए एंटरटेनमेंट नहीं बल्कि लाइफ चेंजिस मोमेंट साबित हुआ और छोटे से गांव से निकला लड़का करोड़ों की दौलत और कई कंपनियों का मालिक बन गया.  

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अमिताभ बच्चन की फिल्म ने बदल दी किस्मत
 अमिताभ बच्चन की फिल्म ने बदल दी किस्मत

 

 एमसीएस लॉजिस्टिक्स, अक्षय एंटरप्राइजेज, जला बेवरेजेज, पर्पल हेज वेलनेस स्पेस और न्यूट्री प्लैनेट समेत दर्जनों कंपनियों के मालिक राजा नायक की पूरी जिंदगी अमिताभ बच्चन की एक फिल्म ने बदल दी.  भूख, अभाव और गरीबी में बचपन बीताने वाले राजा नायक 15 साल की उम्र में समझ चुके थे कि उनके परिवार की हालात वैसी नहीं है कि वो अपनी पढ़ाई जारी रख सके. इसलिए उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी. 17 साल के हुए तो उन्होंने घर छोड़ दिया.  इस दौरान उन्होंने अमिताभ बच्चन की फिल्म त्रिशुल देखी. इस फिल्म ने उनकी सोच बदल दी. जिस तरह फिल्म में नायक बने अमिताभ ने गरीबी और अभाव के बीच जीरो से शुरू कर खुद को रियल एस्टेट का किंग बना दिया उसी से प्रेरणा लेकर नायक भी अपनी मंजिल खुद तलाशने की कोशिश शुरू कर दी और मुंबई चले आए.  

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फेल हुए, लेकिन हार नहीं मानी
 फेल हुए, लेकिन हार नहीं मानी

 

बेंगलुरु में गरीब परिवार में जन्में राजा नायक की पढ़ाई पैसों के अभाव में छूट गई. 17 साल की उम्र में वो घर से निकलकर मुंबई चले गए, लेकिन काफी कोशिशों के बावजूद उन्हें वहां काम नहीं मिला. लौटकर घर आए, लेकिन वो हारे नहीं. उन्होंने मां से थोड़े पैसे उधार पर लिए और तमिलनाडु के तिरुप्पुर से सस्ती शर्ट खरीद ली.  उन शर्ट को लेकर बेंगलुरू के फुटपाथ पर बेचने लगे. उन्होंने सिफ सफेद और नीली शर्ट खरीदी, क्योंकि उन्होंने देखा कि उनके घर के पास वाली फैक्ट्री में लोग सिर्फ इन्हीं दो रंग के शर्ट पहनते हैं. उन्होंने थोड़ा दिमाग लगाया और एक ही दिन में उनकी सारी शर्टें बिक गईं.  

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पहले ही दिन 5000 रुपये का मुनाफा
 पहले ही दिन 5000 रुपये का मुनाफा

 

राजा ने पहले ही दिन 5000 रुपये का मुनाफा कमा लिया. वो समझ गए कि अगर सही तरीके से यही जगह पर काम किया जाए तो सफलता मिलेगी. फिर क्या था धीरे-धीरे उन्होंने धंधा बढ़ाना शुरू किया, शर्ट के साथ जूते-चप्पल, घरेलू सामान बेचना शुरू किया. काम बढ़ा और कारोबार भी, उन्होंने साल 1991 में  पैकेजिंग बिजनेस में कदम रखा और अपनी पहली कंपनी अक्षय एंटरप्राइजेज की शुरुआत की.  

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100 करोड़ रुपये का धंधा
 100 करोड़ रुपये का धंधा

 

पहले  पैकेजिंग, फिर साल 1998 में लॉजिस्टिक्स, इसके बाद जाला बेवरेजेज से पेयजल कंपनी, ब्यूटी और ग्रूमिंग बिजनेस के लिए पर्पल हेज़, न्यूट्री प्लैनेट के साथ  हेल्थ फूड और एनर्जी बार सेक्टर में कदम रखा. एक-एक कर राजा नायक अपनी कदम बढ़ाते चले गए और देखते ही देखते उनका कारोबार 100 करोड़ के टर्नओवर पर पहुंच गया.   





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