SRT, बेहद आसान टेस्ट है, जिसमें आपको बिना किसी सहरे के फर्श पर बैठना और फिर खड़े होना होता है. इस टेस्ट को लगभग आप 30 सेकेंट में कर सकते हैं. इसका रिजल्ट आपके फिजिकल बैलेंस, मसल्स की ताकत और फ्लेक्सिबिलिटी पर निर्भर करता है. इस टेस्ट में 10 अंक होते हैं, 5 बैठने के लिए और 5 अंक खड़े होने के लिए. अगर आप बैठने और उठने के लिए किसी अंग का सहारा लेते हैं, तो आपका 1 अंक काट लिया जाता है.
ये टेस्ट 4282 लोगों पर किया गया. इनमें 46 से 75 साल के लोग शामिल थे, जिनमें 68% पुरुष थे. इन लोगों को 0 से 10 के बीच अंक दिए गए. अब जिन लोगों को अंक कम मिले, उनमें दिल की बीमारियों और जल्दी मौत का खतरा ज्यादा पाया गया. वहीं जिन लोगों ने बिना सहारे के यह टेस्ट किया, उनकी मृत्यु दर कम थी.
SRT टेस्ट आपकी सेहत के बारे में जानकारी देता है. जिन लोगों का SRT स्कोर कम आया, उनमें शरीर में लचीलापन और ताकत की कमी पाई गई. यह मसल्स की कमजोरी, ज्वाइंट्स की अकड़न, मोटापा या बैलेंस की कमी के कारण भी हो सकता है. ये सारी चीजें डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों के जुड़े हो सकते हैं.
हालांकि ये टेस्ट कुछ लोगों को करने से परहेज करने की सलाह दी जाती है. घुटनों, हिप या रीढ़ की हड्डी में चोट या दर्द की शिकायत होने पर, इस टेस्ट को करने से परहेज करना चाहिए. इसके साथ-साथ इस टेस्ट को किसी के साथ ही करना चाहिए, खासकर अगर आपकी उम्र ज्यादा है. टेस्ट करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
जिन लोगों को इस टेस्ट में कम अंक आए हैं, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है. रोजाना एक्सरसाइज से आप अपनी सेहत में सुधार ला सकते हैं. स्क्वैट्स, कोर एक्सरसाइज, योग और स्ट्रेचिं जैसे आसान मसल्स एक्सरसाइज से आप अपनी ताकत और बैलेंस को बढ़ा सकते हैं. एक्सरसाइज के साथ धीरे-धीरे यह टेस्ट आसान हो जाएगा.
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.