Voyager 1: नासा अंतरिक्ष में कई अलग-अलग मिशन पर काम कर रहा है. नासा का वॉयेजर 1 भी करीब आधी सदी से अपने काम को अंजाम दे रहा है, लेकिन इसका मिशन अभी तक पूरा नहीं हुआ है. हालांकि, अब इसको लेकर अब दावा किया जा रहा है, जो काफी चौंकाने वाला है. माना जा रहा है कि यह छोटा सा स्पेसशिप एक दिन किसी एलियन सिविलाइजेशन के लिए पृथ्वी और यहां रहने वाले इंसानों के बारे में जानने का पहला ज़रिया बन सकता है. चलिए तफसील से जानते हैं कि आखिर कैसे?
दरअसल, 1977 में लॉन्च्ड वॉयेजर 1 अब पृथ्वी से 15 अरब मील से भी ज़्यादा दूर है, जो इतिहास में किसी भी स्पेसक्राफ्ट से कहीं ज़्यादा दूर है. यह पहले से ही इंटरस्टेलर स्पेस में सूर्य के प्रोटेक्टिव बबल्स से पार पहुंच चुका है.
हालांकि 2030 के दशक के मध्य तक इसकी ताकत खत्म हो जाएगी. लेकिन फिर भी वॉयेजर 1 लाखों सालों तक गैलेक्सी में घूमता रहेगा और अपने साथ इंसानी तारीख की एक पार्ट लेकर चलता रहेगा.
जबकि, वॉयेजर 1 के भीतर गोल्डन रिकॉर्ड है, जो पृथ्वी का एक टाइम कैप्सूल है. इसमें 55 भाषाओं में ग्रीटिंग मैसेज, दुनिया भर के संगीत, हमारे ग्रह की तस्वीरें और यहां तक कि इंसानों की हंसी की आवाज़ भी है. ये सब किसी भी इंटेलिजेंट के लिए है, जो इसे खोज सके.
अगर वॉयेजर 1 कभी किसी तकनीकी रूप से उन्नत एलियन से टकराता है, तो वे उसे डिकोड कर सकते हैं. और यह जान सकते हैं कि पृथ्वी पर एक अच्छा जीवन है.
आज से करीब आठ साल पहले यानी 2017 में जिस तरह लोगों में एक रहस्यमय इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट 'ओउमुआमुआ' को लेकर उलझन थी, उसी तरह एक दिन एलियंस भी सोचेंगे कि वॉयेजर 1 कहां से आया और इसका क्या मतलब है?
भले ही इंसान कभी एलियंस से आमने-सामने न मिलें, वॉयेजर 1 हमारा पहला दूत ( Messanger ) बन सकता है. जो चुपचाप ये ऐलान कर सकता है कि 'हम यहां थे. हमारा वजूद था. और हम सितारों तक पहुंच गए.'
वैज्ञानिकों का मानना है कि 40000 सालों में वॉयेजर 1 किसी अन्य तारे के पास से गुज़रेगा. हैरान करने वाली बात यह है कि इसकी यात्रा अरबों सालों तक जारी रह सकती है. और हमारे जाने के बहुत बाद तक पृथ्वी की कहानी अपने साथ ले जा सकती है.