Wai Wai Noodles Owner: राजस्थान से नेपाल जा कर बसे चौधरी फैमिली ने चुनौतियों को पार कर आज नेपाल के सबसे अमीर शख्स का खिताब हासिल किया. 200 से ज्यादा देशों में उनका कारोबार है.
Nepal Richest Man: अक्सर लोग यही सोचते हैं कि पैसा हो या सिर पर किसी करोबारी का हाथ हो तभी बिजनेस की शुरुआक कर सकते हैं, लेकिन राजस्थान से नेपाल जा कर बसे चौधरी फैमिली ने इस सोच को बदल दिया. चुनौतियां तो बहुत थी, लेकिन आज वो नेपाल के सबसे अमीर शख्स है, 200 से ज्यादा देशों में उनका कारोबार है.
नेपाल जैसे छोटे से देश में रहकर उन्होंने ऐसा प्रोडक्ट बना दिया, जो न केवल दुनियाभर के देशों में बिकता है, बल्कि उनसे नेस्ले जैसी बड़ी कंपनियों को हिला कर रख दिया. आज जिनकी तिजोरी में 1,73,16,60,20,400 रुपये की संपत्ति है, जिनकी कंपनी आज 16.92 अरब डॉलर की है, वो कभी घरों में बर्तन धोए, झाड़ू-पोछा किया, तमाम मुश्किलों के बाद सफलता हासिल की.
राहुल चौधरी, CG हॉस्पिटैलिटी के सीईओ है. परिवार के चौथे जेनरेशन के कारोबारी है. उनकी कंपनी 140 साल पुरानी है. 195 से ज्यादा देशों में उनका कारोबार है, लेकिन ये आलीशान जिंदगी और लग्जरी उन्हें विरासत में नहीं मिली है. एक दौर वो भी था, जब उन्हें बर्तन धोने पड़ते थे, खुद फर्श साफ करना पड़ता था. दिनभर पढ़ाई और वीकेंड के समय निवेशकों के दफ्तरों के चक्कर काटते थे, ताकि कोई उनके बिजनेस में निवेश करें.
राहुल चौधरी का परिवार कारोबारी घराने से ताल्लुक रखता है. चौधरी फैमिली नेपाल की सबसे अमीर फैमिली है. नेपाल के अकेले अरबपति है, जिनका नाम फोर्ब्स बिलेनियर्स लिस्ट में शामिल है, लेकिन कारोबार को सफल बनाने में उन्हें काफी पापड़ बेलने पड़े थे. साल 2006 में जब राहुल चौधरी अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे, उन्होंने काफी CH hospitality को बनाने की नींव रखी. एक इंटरव्यू में एक छोटे से देश का लड़का बड़े सपने देख रहा था, उन्हें पूरा करने की कोशिश कर रहा था. कहानी की शुरुआत तो 1990 के दशक में हुई थी, जब बिनोद चौधरी नेपाल में अपना बिजनेस स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे.
बिनोद चौधरी के दादा राजस्थान से नेपाल जाकर बस गए. उन्होंने वहां एक छोटी सी कपड़ों की दुकान खोली थी. बिनोद के पिता ने अरुण एम्पोरियम नाम से डिपार्टमेंटल स्टोर की शुरुआक की, जो नेपाल का पहला डिपार्टमेंटल स्टोर था. पिता बीमार पड़े तो सिर्फ 18 साल की उम्र में कारोबार की जिम्मेदारी बिनोद पर आ गई. उन्हें पढ़ाई छोड़कर इससे जुड़ना पड़ा. बिनोद कारोबार को बढ़ाने में दिन रात जुट गए. शराब से लेकर खाने-पीने के सेक्टर में घुसने लगे.
साल 1970 में एक नाइट क्लब शुरू किया, जिसके बाद वो शराब इम्पोर्ट करने के बिजनेस में घुस गए. आज उनकी कंपनी इंश्योरेंस, फूड, रियल एस्टेट, रिटेल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में है, लेकिन गेम तब चेंज हुआ, जब वो एक ट्रिप के लिए थाईलैंड गए थे. उन्होंने देखा कि लोग नूडल्स बहुत पसंद करते हैं.जब वो नेपाल लौटे तो उन्होंने वाई वाई नूडल्स ( Wai-Wai Noodles) की शुरुआत की.
वाई-वाई नूल्ड देखते ही देखते नेपाल के कोने-कोने में पहुंच गया. सिर्फ नेपाल ही नहीं, बल्कि भारत और अन्य देशों में ये पॉपुलर होने लगा. हालात ऐसे बने कि भारत में मैगी का वर्चस्व खतरा बढ़ने लगा. नैस्ले जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों की मुश्किल बढ़ने लगी.वाई वाई ने अपनी एक खास पहचान बनाई. इसका स्वाद, विविधता और क्विक कुकिंग स्टाइल ने इसे काफी जल्दी लोकप्रिय बना दिया. नेपाल के साथ-साथ भारत, श्रीलंका जैसे देशों की गली-गली में ये प्रोडक्ट बिकने लगा.
CG ग्रुप ने तमाम सेक्टर में कारोबार कर रहा है. चौधरी फैमिली नेपाल की सबसे अमीर फैमिली है. अगर राहुल चौधरी की बात करें तो सीजी हॉस्पिटैलिटी की कमान वो संभालते हैं. 12 देशों में उनके 195 होटल और रिसॉर्ट हैं, जिसे साल 2030 तक 400 होटल तक पहुंचाने का टारगेट है. अगर चौधरी ग्रुप की बात करें तो नेपाल में इसका मुख्यालय है, जिसमें 20 हजार से अधिक लोग काम करते हैं. कंपनी की वैल्यूएशन 16.92 अरब डॉलर की है. आज बिनोद चौधरी के तीनों बेटे उनके कारोबार को ऊंचाईयों पर पहुंचा रहे हैं. उनके बेटे निर्वाण चौधरी नेपाल के कारोबार को देखते हैं, जबकि राहुल चौधरी और वरुण चौधरी विदेशों में फैले कारोबार को संभालते हैं. चौधरी ग्रुप का बिजनेस 27 देशों से फैला है.