Norway Green Roof House: दुनिया में हर कुछ दूरी कल्चर बदल जाता है. कहीं भाषाएं बदलती हैं तो कहीं खान-पीन में बदलाव आ जाता है, तो कहीं पर रहने और पहनने के तौर-तरीकों में तब्दीली देखने को मिलती है. आज हम आपको घरों के एक दिलचस्प कल्चर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर पूरे के पूरे घर काई में दबे रहते हैं.
नॉर्वे में अक्सर देखने को मिलते हैं, जिनकी छत और दीवारें पूरी तरह हरे रंग में रंगी रहती है. यह हरा रंग काई का होता है. मतलब इन घरों को काई (MOSS) या घास से कवर किया हुआ रहता है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर घर यहां के लोग अपने घरों को काई या घास से कवर करके क्यों रखते हैं. तो इसके पीछे कई दिलचस्प कारण हैं. जैसे ठंड से बचने में मददगार, आवाज और जल सुरक्षा के अलावा यह डिजाइन वहां के पर्यावरण के अनुकूल होते हैं.
सबसे पहले जानते हैं कि ठंड के मौसम में यह कैसे मददगार होते हैं. ठंड के मौसम में नॉर्वे का तापमान माइनस में पहुंच जाता है. ऐसे मौसम यहां घरों पर जमी काई और घास कुदरती इंसुलेटर की तरह काम करती हैं. घास और काई घर को बर्फ से सुरक्षित रखती है. साथ ही घर के अंदर के तापमान को कंट्रोल करने में मददगार साबित होती है.
क्योंकि यहां के घर ज्यादातर लकड़ी के होते हैं ऐसे में काई और घास बारिश व बर्फ से घर की लकड़ी की भी हिफाजत करती है. इसके अलावा यह तरीका ध्वनि यानी आवाज को भी कंट्रोल करती है. जिससे घर के अंदर शांति बनी रहती है.
घरों की छत और दीवार पर काई-घास जमाने की यह परंपरा सदियों पुरानी है. इस तरह की छतों को 'turf roof' या "green roof" कहा जाता है. ऐसे घर खास तौर पर नॉर्वे, स्वीडन और आइसलैंड में ऐसा देखने को मिलते हैं.
ये दिखने में भी बहुत खूबसूरत और प्राकृतिक होते हैं. इसलिए कुछ गांव टूरिज्म का केंद्र बने हुए हैं. पर्यटकों को यह घर प्रकृति के करीब होने के साथ-साथ लोकसंस्कृति से भी जोड़ते हैं. इसलिए नॉर्वे के ग्रामीण इलाके जैसे गेयिरांजेर और लाफ्टेन, अपने हरे-भरे छतों वाले घरों के लिए मशहूर हैं.