India Vs Pakistan: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के हाथों पिटने के बाद आसिम मुनीर से चीन ने वही अटैकर हेलीकॉप्टर खरीद लिया जिसे PAK फौज ने कई महीनों पहले रिजेक्ट कर दिया था. पाकिस्तान अटैकर हेलीकॉप्टर्स की वही खेप लाकर भारत से मुकाबला करने का दम भरने लगा. कुछ बड़बोले पाकिस्तानी इसी Z-10 की तुलना भारतीय वायुसेना यानी इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में मौजूद अपाचे अटैकिंग चॉपर से कर रहे हैं. दोनों में क्या अंतर है और कितना ताकतवर है, आइए जानते हैं.
पाकिस्तानी मीडिया ने अपनी हवाई ताकत में इजाफा होने का ऐलान करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना ने लंबे इंतजार के बाद मेड इन चाइना Z-10ME अटैक हेलीकॉप्टर को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है. चीनी डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक किसी दूसरे देश को Z-10 एक्सपोर्ट करने का ये पहला सौदा है, जिसे किसी और देश की सेना को नहीं बेचा गया. चीनी एक्सपर्ट अपने इस अटैक चॉपर का पहला खरीददार पाकिस्तान के बनने पर गदगद हैं वो इसके फायदे गिना रहे हैं. उनका कहना है कि इस हेलीकॉप्टर की मजबूत मारक क्षमता और टिकाऊपन से पाकिस्तान की रक्षा क्षमताओं, खासकर आतंकवाद-रोधी अभियान में पाकिस्तान को मजबूती मिलेगी.
पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट द न्यूज़ ने शनिवार को देश की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस द्वारा जारी एक बयान के हवाले से बताया कि मुल्तान गैरीसन के दौरे के दौरान पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अत्याधुनिक Z-10ME अटैक हेलीकॉप्टर को पाकिस्तानी सेना विमानन में शामिल करने के समारोह की अध्यक्षता की. उनकी मौजूदगी में ये चॉपर पाकिस्तानी सेना के बेड़े में शामिल हो गया है.
चीन ने पाकिस्तानी सेना को उन्नत हमलावर हेलीकॉप्टरों की जो खेप सौंपी, उसे भारत की सीमा के पास तैनात किया जाएगा. चीनी सेना इन हमलावर हेलीकॉप्टरों को पहले ही भारत के साथ लगने वाली पहाड़ी सीमा के पास तैनात कर चुका है.
चीनी अटैकर हेलीकॉप्टर भारत के पास मौजूद अटैकिंग हेलीकॉप्टर से सस्ता है लेकिन घातक हथियारों से लैस है. रक्षा उत्पाद विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के पास मौजूद चीनी चॉपर पहाड़ों की ऊंचाई के सामने और भारतीय सेना के पास मौजूद अटैकिंग हेलीकॉप्टर अपाचे के जंगी अनुभव के सामने काफी कमजोर है. हालांकि फिर भी भारत को अपनी सेना और तकनीक को और मजबूत करना होगा, ताकि इस खतरे का जवाब दे सके.
Z-10ME-II हेलिकॉप्टर चीन और पाकिस्तान की साझेदारी को मजबूत करता है. कहा जा रहा है सि ये चीनी चॉपर भारत के लिए खतरा बन सकता है. हालांकि ये चीन में बना है और सस्ता भी है इसलिए इसकी काबिलियत पर हम सवाल उठा सकते हैं लेकिन ये जिन घातक हथियारों से लैस है, उससे ये सोचना है कि LoC पर क्या ये भारत का मुकाबला कर पाएगा.
पाकिस्तानी लोग इसे 'ड्रैगन' कहकर बुला रहे हैं, जो पाकिस्तानी एयर स्पेस में कुलाचें मार-मारकर उड़ रहा है. लेकिन मूल सवाल यही है कि क्या ये भारत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? आइए समझते हैं कि यह हेलिकॉप्टर आखिर क्या बला है?
चीनी अटैकर चॉपर का वजन 7.2 टन है. ये 800 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. इसमें 30mm की ऑटो-कैनन गन, 4 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और रॉकेट लॉन्चर लगे हैं. इसमें रडार चेतावनी सिस्टम, इन्फ्रारेड काउंटरमेजर्स और जैमिंग सिस्टम हैं, जो इसके रक्षा कवच का काम करते हैं. इसके पेलोड की बात करें तो ये चीनी चॉपर कुल 1500 Kg वजनी हथियार ले जा सकता है.
चीनी माल चीनी ही होता है. कहा जाता है कि अगर ये चल गया तो चांद तक और न चला तो शाम तक ही चल पाता है. ऐसे में इससे भारत को बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है.
भारत के पास मेड इन अमेरिका यानी दुनिया का सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे है. भारत के पास इसकी काफी खेप है. अपाचे में में नाइट विजन और थर्मल सेंसर लगे हैं जो रात में और खराब मौसम में भी ऑपरेशन करने में सक्षम हैं. टारगेट एक्विजिशन सिस्टम और पायलट नाइट विजन सेंसर दुश्मन को सटीकता से पहचानने और निशाना बनाने में मदद करते हैं. अपना अपाचे 625 राउंड प्रति मिनट की दर से फायरिंग कर दुश्मनों को ढेर कर सकता है. अपाचे में AGM-114 हेलफायर मिसाइल सिस्टम लैस है जो टैंक-रोधी, लेजर-गाइडेड मिसाइलें, बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम हैं. इसके अलावा इसमें लगा हाइड्रा 70 रॉकेट 70 मिमी का अनगाइडेड रॉकेट है, जो जमीनी ठिकानों को तबाह करने के लिए काफी है. इसके साथ ही इसमें लगी स्ट्रिंगर मिसाइल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो हवाई खतरों से निपट सकती हैं.
अपाचे में स्पाइक NLOS मिसाइल (लंबी दूरी की मिसाइल) भी अटैच है. ये मल्टी-टारगेटिंग कर सकता है यानी अपाचे एक मिनट में 16 टारगेट भेदने की क्षमता रखता है. अपाचे अपने दुश्मन को एक मिनट से कम समय में निपटाने में सक्षम है. इसमें लगा रडार और कम्युनिकेशन सिस्टम भी काफी एडवांस है. अपाचे AN/APG-78 लॉन्गबो रडार और ज्वाइंट टैक्टिकल इन्फॉर्मेशन डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (JTIDS) से लैस, जो उन्नत डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करता है. अपाचे हेलीकॉप्टर की मैक्जिमम स्पीड 280-365 किमी प्रति घंटा है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 500 किमी है. यह एक बार उड़ान भरने के बाद 3 से 3.5 घंटे तक हवा में रह सकता है.