World Deepest railway tunnel: जमीन ने 2450 मीटर की गहराई पर बने इस टनल की लंबाई 57.1 किमी है. इस टनल को बनाने में 17 साल का लंबा वक्त लग गया.
Deepest Rail Tunnel: जमीन के ऊपर ट्रेन को दौड़ते देखा होगा. हवा में झूलते पुलों से गुजरते ट्रेन को भी देखा होगा. पहाड़ों का सीना चीरकर टनल से गुजरते ट्रेनों का सफर भी किया होगा. समंदर के बीच से गुजरती ट्रेनें भी नई नहीं रही. चीन ने तो हवा में लटककर दौड़ने वाली ट्रेन तक बना लिया, लेकिन आज जिनकी बात कर रहे हैं वहां ट्रेनें जमीन ने 2450 मीटर गहराई से होकर गुजरती है. दुनिया के सबसे गहरे रेल टनल, जिसके बनाने में 17 साल लग गए.
दुनिया का सबसे गहरा रेल टनल स्विटजरलैंड में बना है, जिसका नाम गॉटार्ड बेस टनल (Gotthard Base Tunnel) है. इस टनल को दुनिया की सबसे लंबी और सबसे गहरी रेलवे टनल का खिताब हासिल है. जमीन ने 2450 मीटर की गहराई पर बने इस टनल की लंबाई 57.1 किमी है. इस टनल को बनाने में 17 साल का लंबा वक्त लग गया.
इस टनल को बनाने में 2600 लोगों ने काम किया, जिसे बनाने में 1250 करोड़ डॉलर खर्च हो गए. नीदरलैंड्स के रोटरडैम और इटली के गेनोआ को जोड़ने वाले इस सबसे गहरे रेल टनल से गुजरती ट्रेनों की रफ्तार हैरान करने वाली है. इस रेल रूट से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार 200-220 किमी प्रति घंटे की है.
स्विटजरलैंड में बनी इस टनल गहराई के साथ-साथ लंबाई में भी अव्वल है. इस टनल की लंबाई 57.09 किलोमीटर की है. इसने जापान की सेइकान टनल जो कि 53.9 किमी की है. यूके-फ्रांस को जोड़ने वाली चैनल टनल , जिसकी लंबाई 50.5 किमी थी, उसे पीछे छोड़ दिया.
यह टनल स्विस आल्प्स के नीचे से होकर गुजरती है. इसकी मदद से ज्यूरिख से मिलान का सफर महज 3 घंटे में पूरा हो जाता है. पहले इस सफर को पूरा करने में 4 घंटे का वक्त लगता था.
इस टनल से यात्री ट्रेनों के अलावा रोजाना करीब 260 मालगाडि़यां भी गुजरती हैं. इस टनल से गुजरने वाली ट्र्नों की रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटे रहती है. गोथर्ड बेस सुरंग खासतौर पर माल परिवहन के लिए है. टनल न केवल ट्रेनों का समय बचाता है, बल्कि परिवहन के खर्च को बचाता है. इस रेल लाइन के जरिए माल ढुलाई का खर्च को हो रहा है. प्रदूषण कम होने से पर्यावरण की सुरक्षा हो रही है.