trendingNow12709835
Hindi News >>प्रमोशन
Advertisement

पतंजलि के एजुकेशन प्रोग्राम कैसे बन रहे हैं गरीब बच्चों का फ्यूचर?

आयुर्वेद और योग के लिए लोगों के बीच पॉपुलर पतंजलि ने एजुकेशन फील्ड में बड़ा योगदान दिया है, जहां वेदों की नॉलेज और मॉडर्न एजुकेशन दोनों सिखाई जाती हैं, जिससे उनका पूरा विकास हो सकें. आइए जानते हैं पंतजलि के एजुकेशन प्रोग्राम कैसे गरीब बच्चों का फ्यूचर बन रहे हैं.

पतंजलि के एजुकेशन प्रोग्राम कैसे बन रहे हैं गरीब बच्चों का फ्यूचर?
Zee News Desk|Updated: Apr 08, 2025, 01:07 PM IST
Share

आयुर्वेद और योग के लिए लोगों के बीच पॉपुलर पतंजलि ने एजुकेशन की फील्ड में काफी बड़ा योगदान दिया है. पतंजलि अपने आचार्यकुलम, पतंजलि गुरुकुलम, पतंजलि रिशिकुल और पतंजलि यूनिवर्सिटी जैसे इंस्टीट्यूशन के जरिए एजुकेशन देती है. यहां बच्चों को वेदों की नॉलेज और मॉडर्न एजुकेशन दोनों सिखाई जाती हैं, जिससे उनका पूरा विकास हो सकें. आइए जानते हैं पंतजलि के एजुकेशन प्रोग्राम कैसे गरीब बच्चों का फ्यूचर बन रहे हैं.

पंतजलि बेहतर एजुकेशन को लेकर हैं अलर्ट

पतंजलि की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) एक्टिविटीज दिखाती है कि वे बेहतर एजुकेशन को लेकर काफी अलर्ट हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद बच्चों को फायदा मिल रहा हैं. मिसाल के तौर पर पंतजलि डेटा के मुताबिक, साल 2020-21 में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने 4.21 करोड़ रुपये आचार्यकुलम जैसे स्कूल पर खर्च किए, जिन्हें CBSE से मान्यता प्राप्त है और क्लास 5 से 12 तक की स्टडी करवाता है.

हरिद्वार में शिवालिक रेंज के पास बना आचार्यकुलम एक हॉस्टल वाला कोएड स्कूल है, जहां बच्चों को स्पिरिचुअल और मॉडर्न एजुकेशन दी जाती है. इसी तरह, पतंजलि गुरुकुलम भी एक ऐसा इंस्टीट्यूट है, जहां वेद-पुराण, भारतीय कल्चर और नए जमाने के टॉपिक्स पर खास ध्यान दिया जाता है.

कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) और इन्वेस्टमेंट

पतंजलि की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) बताती है कि उनका मुख्य फोकस सेक्टर एजुकेशन और हेल्थ पर है. वे अपने कमाई का इस्तेमाल समाज के अच्छे फ्यूचर के लिए करते हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद बच्चों को भी फायदा मिलता है. उदाहरण के लिए स्वामी रामदेव ने 2025 में पतंजलि के 30वें स्थापना दिवस पर कहा कि वे एजुकेशन सेक्टर में बड़ा बदलाव लाने वाले हैं, जिससे बच्चों को अच्छी और अफोर्डेबल एजुकेशन मिल सकेगी.

इसके अलावा आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पतंजलि ने पूरे देश में 500 से ज्यादा आचार्यकुलम स्कूल खोलने का टारगेट रखा है, जिससे गरीब और जरूरतमंद बच्चों को भी अच्छी एजुकेशन मिल सकें.

इन प्रोग्राम्स से गरीब बच्चों को सिर्फ बेहतर एजुकेशन ही नहीं दी जा रही हैं. इसके साथ  ही अच्छे संस्कार और जिम्मेदारी भी सिखाई जाती है, जिससे वे आगे चलकर अच्छा करियर बना सकें और समाज में अपना कुछ अच्छा योगदान दे सकें.

DISCLAIMER: This article is part of IndiaDotCom Pvt Lt’s consumer connect initiative, a paid publication programme. IDPL claims no editorial involvement and assumes no responsibility or liability for any errors or omissions in the content of the article.

Read More
{}{}