Patanjali Research Institute: पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट आयुर्वेद को लेकर शानदार काम कर रहा है, जो पुराने जमाने के ज्ञान को आज की साइंस के साथ जोड़ने की कोशिश है. क्योंकि पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट सिर्फ आयुर्वेद को बढ़ावा नहीं दे रहा हैं. साथ ही ये दुनिया भर के लोगों को इसके जरिए एक हेल्दी लाफइस्टाइल के लिए भी मोटिवेट कर रहा है. इसी के साथ पतंजलि ने पुराने आयुर्वेदिक इलाज को मॉडर्न साइंस के साथ जोड़कर भविष्य के लिए लोगों की हेल्थ को बेहतर बना रहे हैं.
इस बात को समझना होगा कि आयुर्वेद से तो हजारों साल पुराना भारतीयों के लिए देसी इलाज का तरीका है. लेकिन पतंजलि ने सोचा कि इसे भारतीय घरों तक सीमित नहीं रखना है.
पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन की शुरुआत 2017 में हरिद्वार में एक बिना किसी फायदे के रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में हुई थी. जिसका उद्देश्य आयुर्वेद को साइंटिफिक तरीके से करना और लोगों की हेल्थ को बेहतर बनाना. पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट में 300 से ज्यादा साइंटिस्ट की टीम लगी हुई है. ये लोग पुरानी आयुर्वेदिक किताबों को चेक करते हैं, जड़ी-बूटियों पर रिसर्च करते हैं, और फिर लैब में टेस्ट करते हैं कि ये सचमुच काम करती हैं या नहीं.
पुराना आयुर्वेद और मॉडर्न साइंस का मेल
पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन न सिर्फ पुराने आयुर्वेदिक नॉलेज को बढ़ा रहा है. जबकि इसे मॉडर्न टेक्निलॉजी और साइंस के साथ जोड़ने का भी काम कर रहा है. जिसका सबसे जरूरी मकसद यह है कि दुनिया भर के लोगों तक उनकी भाषा में आयुर्वेदिक इलाज पहुंचाया जा सके. इसी सोच के तहत पतंजलि गार्डन में एक हजार से ज्यादा दुर्लभ औषधीय पौधे लगाए गए हैं. इनमें से कई ऐसे हैं, जिनके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है. इन औषधीय प्लांट्स पर मॉडर्न साइंस के साथ मिलकर रिसर्च की जा जाती है. जिससे इलाज के नए और असरदार तरीके खोजें सकें ताकि मेडिकल की फील्ड में बड़ा बदलाव देखने को मिले.
साइंटिफिक टेस्टिंग से लोगों का भरोसा और बढ़ा
आयुर्वेद एक पुरानी इलाज की टेक्निक है. जिस पर अब लोगों का भरोसा तेजी से बढ़ता जा रहा है. लेकिन इन सब में सबसे बड़ा रोल पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट ने निभाया है. क्योंकि पतंजलि नेचुरल और सुरक्षित चीजों से बनी मेडिसिन से लोगों का इलाज कर रहा है. ये मेडिसिन पूरी तरह से साइंटिफिक टेस्टिंग के बाद ही इस्तेमाल में लाई जाती हैं.
पतंजलि के प्रोडक्ट्स की स्पेशलिटी यह है कि वे नेचुरल और ऑर्गेनिक चीजों से बने होते हैं. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और नेचुरल तत्वों का इस्तेमाल करके पतंजलि अपने प्रोडक्ट को असरदार और सुरक्षित बनाता है. इसके बाद इनका साइंटिफिक टेस्ट भी किया जाता है. जिससे अब यह एक भरोसेमंद ब्रांड बन चुका है.
पतंजलि के हर प्रोडक्ट का सुरक्षित और असरदार होना
पतंजलि अपने हर प्रोडक्ट को पूरी तरह सुरक्षित और असरदार बनाने के लिए खुद ही अपनी लैब में रिसर्च करता है. ये ध्यान रखकर काम किया जाता है कि पतंजलि की मेडिसिन में कोई केमिकल नहीं मिलें. क्योंकि ये मेडिसिन पूरी तरह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और नेचुरल चीजों से बनाई जाती हैं.
जिसके लिए पतंजलि के साइंटिस्ट पुराने वेदों और महान संतों के दिए गए आयुर्वेदिक नॉलेज की मदद लेते हैं, ताकि यह पक्का किया जा सके कि पतंजलि के प्रोडक्ट पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार हों. क्योंकि इसका मकसद लोगों की हेल्थ को बेहतर करना है. इसके साथ ही पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट आयुर्वेद और इसके फायदों को समझने के लिए संस्कृत और पुरानी पांडुलिपियों का भी स्टडी करता है.
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