Patanjali fair-trade practices: पतंजलि आज भारत में किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में बड़े स्टेप उठा रहा है. हाल के वर्षों में कंपनी ने किसानों को सपोर्ट करने के लिए कई तरह की नई पहल शुरू की हैं. जिसमें ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना, न्यू टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, और फेयर वैल्यू देना शामिल है. पतंजलि ने न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर ध्यान दिया है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल खेती के तरीकों के इस्तेमाल पर भी मोटिवेट किया है. इन प्रयासों के जरिए पतंजलि देश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी इनकम बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
हां, लेकिन सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में यह उठता है कि आखिर पतंजलि किसानों को इनोवेटिव समाधान और फेयर-ट्रेड सुविधाएं किस तरह प्रदान करता है?
पतंजलि की नई स्कीम्स और किसानों का विकास
पतंजलि ने हाल ही में अपने एग्रीकल्चर सेक्टर में बड़ा कदम उठाया है. अप्रैल 2024 में, पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने दो नई कंपनियां शुरू कीं - कंटेम्पररी एग्रो प्राइवेट लिमिटेड और ऋषिकृषि फार्मिंग प्राइवेट लिमिटेड. इन दोनों कंपनियों का उद्देश्य किसानों को नई तकनीकों से जोड़ना और उन्हें ज्यादा फायदा पहुंचाना है.
टिकाऊ खेती को बढ़ावा
इन नई कंपनियों में हर एक में 20 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी लगाई गई है. ये कंपनियां मुख्य रूप से किसानों के साथ काम करके उन्हें बेहतर खेती के तरीके सिखाएंगी, टिकाऊ खेती को बढ़ावा देंगी और नई-नई खेती की तकनीकों को डेवलप करने पर काम करेंगी. इसका फायदा सीधे किसानों को होगा, क्योंकि वे बेहतर उपज के साथ-साथ अपनी फसलों का अच्छा रेट भी पा सकेंगे.
किसानों के लिए बड़ा फायदा
इन नई कंपनियों से किसानों को कई तरह के फायदे होंगे. जैसे-जैसे किसान पतंजलि के साथ जुड़ेंगे, उन्हें न सिर्फ अच्छी क्वालिटी के बीज और खाद मिलेगी, बल्कि नई तकनीकों की जानकारी भी मिलेगी. इससे उनकी फसलों की पैदावार बढ़ेगी और वह अपने फैमिली की इनकम भी बढ़ा पाएंगे.
किसान समृद्धि प्रोग्राम और अन्य पहलें
पतंजलि ने किसानों को सिखाने और उनकी मदद करने के लिए कई प्रोग्राम शुरू किए हैं. इनमें सबसे जरूरी है वह किसान समृद्धि प्रोग्राम. पतंजलि किसान समृद्धि प्रोग्राम के जरिए किसानों को ऑर्गेनिक खेती के तरीकों की ट्रेनिंग देता है. इस ट्रेनिंग से किसान अपनी खेती के तरीकों में सुधार कर सकते हैं और अपनी उपज बढ़ा सकते हैं. इससे उनकी इनकम बढ़ती है और वे आत्मनिर्भर बनते हैं. पतंजलि अनुसंधान और विकास में इन्वेस्ट करके ऐसी तकनीकों को बढ़ावा देती है जो पानी की बचत करती हैं और मिट्टी का टिकाऊ प्रबंधन करती हैं.
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