Patanjali Worldwide: पतंजलि आयुर्वेद ने मॉडर्न साइंस की मदद से लोगों की हेल्थ को एक नया रूप दिया है. हां लेकिन यह समझने के लिए, हमें सबसे पहले यह जानना होगा कि यह नजरिया क्या है. स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने साल 2006 में पतंजलि की शुरुआत की थी. जिसका सीधा उद्देश्य आयुर्वेद और योग को मॉडर्न साइंस तरीकों से जोड़ना है. यानी, पुरानी भारतीय मेडिकल प्रैक्टि्स को साइंटिफिक रिसर्च और लैब टेस्टिंग के जरिए टेस्ट करना. ताकि इसे दुनिया भर में भरोसेमंद लायक बनाया जा सकें.
ग्लोबल स्तर पर पतंजलि की पहुंच
पतंजलि ने प्रोडक्ट्स को कई देशों में एक्सपोर्ट किया है और विदेशों में भी अपने कई वेलनेस सेंटर खोले हैं. जैसे, टेक्सास (यूएसए) के ह्यूस्टन में पतंजलि वेलनेस सेंटर बनाया गया है. यहां लोग आयुर्वेदिक मसाज, हेल्थ कंसल्टेशन और पर्सनल ट्रीटमेंट प्लान जैसी सुविधाएं ले सकते हैं.
जिससे वहां के लोग नेचुरल मेडिकल इलाज की ओर अट्रैक्ट हो रहे हैं. वहीं ब्रिटेन, नेपाल, कनाडा और मॉरीशस इन देशों में भी पतंजलि योगपीठ की ब्रांच या ट्रस्ट मौजूद हैं. बाबा रामदेव के पतंजलि ग्रुप का कहना है कि उनके प्रोडक्ट 200 देशों में बिकने लगे हैं.
इसके साथ ही पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ने कई इंटरनेशनल साइंस मैगजीन जैसे International Journal of Yoga और BMC Research Notes में अपने रिसर्च पब्लिश किए हैं. इन रिसर्च पेपर्स में योग और आयुर्वेद के फायदों को साइंटिफिक रूप से प्रूफ किया गया है.
इन सब के अलावा पतंजलि अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए ऑनलाइन सेल और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए भी काम कर रहा है. प्रोडक्ट्स दुनियाभर के लोगों तक आसानी से पहुंच रहे हैं. स्पेशली उन देशों में, जहां ट्रेडिशनल तरीके से आयुर्वेदिक इलाज ज्यादा पॉपुलर नहीं है, वहां भी लोग नेचुरल और होलिस्टिक हेल्थ के ऑप्शनों की ओर अट्रैक्ट हो रहे हैं.
इंटरनेशनल योग डे और पतंजलि का योगदान
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का आइडिया भारत सरकार के साथ-साथ स्वामी रामदेव और पतंजलि योगपीठ की हेल्प से हो पाया. स्वामी रामदेव ने देश-विदेश में बड़े-बड़े योग शिविर लगाए. जिससे योग बहुत प्रमोट हुआ. साल 2015 में जब पहली बार 177 देशों ने मिलकर योग दिवस मनाया, तब इसमें पतंजलि काफी अहम रोल था.
पतंजलि का योग आसान, असरदार और साइंटिफिक रूप से सही माना जाता है. इसे कोई भी बिना पैसे खर्च किए सीख सकता है. रोजाना योग करने से स्ट्रेस, मोटापा, दिल की बीमारी, डायबिटीज, अस्थमा और डिप्रेशन जैसी दिक्कतों को कंट्रोल किया जा सकता है. स्वामी रामदेव और पतंजलि ने योग को सिर्फ एक साधना नहीं, बल्कि हेल्दी रहने के साइंस के रूप में दुनिया के सामने रखा. आज योग सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है इसके अलावा ये अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका जैसे देशों में भी खूब पसंद किया जा रहा है.
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