भारत आज के समय में दुनिया की सबसे तेजी से ग्रो करने वाली इकोनॉमी है जिसमें देश की कई कंपनियों का बड़ा योगदान है. स्पेशली वे कंपनियां जो स्वदेशी को अपनाकर देश में ही अपने प्रोडक्ट बना रही हैं और लोगों को रोजगार दे रही हैं. इससे हमारे देश के बने सामान दुनियाभर के बाजारों तक पहुंच रहे हैं. स्वदेशी आंदोलन का मतलब है अपनी चीजों को बढ़ावा देना, जिसमें पंतजलि कंपनी अहम भूमिका अदा कर रही है. आज, पतंजलि इस आंदोलन को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है. स्पेशली आयुर्वेदिक और देसी प्रोडक्ट्स के जरिए. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में पतंजलि भारत की टॉप कंपनियों की लिस्ट में आती है. साथ ही फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में बड़ा नाम बनाया है जिससे बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियों को खूब टक्कर मिल रही है.
पतंजलि का रेवेन्यू और प्रॉफिट लगातार बढ़ रहा है. देश की टॉप एफएमसीजी कंपनियों में से एक पतंजलि ने अपने विकास, रोजगार बढ़ाने और स्वदेशी प्रोडक्ट्स पर खास ध्यान दिया है. अपने खास बिजनेस मॉडल और कम रेट की वजह से इसने एफएमसीजी और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स के बाजार में मजबूत जगह बना ली है.
आर्थिक योगदान और रोजगार के मौके
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पतंजलि का आर्थिक योगदान काफी बड़ा है. साल 2023-24 में पतंजलि आयुर्वेद की इनकम 9,335.32 करोड़ रुपये रही थी जो पिछले साल से 23.15% ज्यादा है. वहीं, पतंजलि फूड्स की इनकम 2023 में 31,800 करोड़ रुपये थी, जो दिखाता है कि यह कंपनी भारत की इकोनॉमी को मजबूत कर रही है.
पतंजलि रोजगार के नए मौके देने में भी अहम रोल अदा कर रहा है. उनके पास 10,000 हेल्थ सेंटर, 4,500 डिस्ट्रीब्यूटर और 6,38,735 गांवों तक पहुंच है जिससे गांवों की इकोनॉमी को बढ़ावा मिल रहा है. साथ ही, वे 10 लाख ग्रॉसरी स्टोर तक अपनी पहुंच बना चुके हैं और मॉडर्न ट्रेड स्टोर्स में भी मौजूद हैं जिससे छोटे दुकानदारों और डिस्ट्रीब्यूटर्स को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं.
सस्ते और देसी प्रोडक्ट्स
पतंजलि के प्रोडक्ट्स, जैसे आंवला जूस, सरसों का तेल और रोजमर्रा के सामान सस्ते हैं और आयुर्वेदिक हैं, जो हेल्थ के लिए अच्छे हैं. ज्यादातर प्रोडक्ट्स प्रतियोगी कंपनियों से सस्ते हैं सिवाय गाय का घी छोड़कर. यह आम आदमी, स्पेशली ग्रामीण इलाकों में के लिए आसान बनाता है. उनकी कम रेट और स्वदेशी अपील (मेड इन इंडिया) उन्हें रिटेल शेल्व्स पर जीत दिलाती है.
संस्कृति और देश का गर्व
पतंजलि हमारी संस्कृति को जिंदा रख रहा है क्योंकि यह आयुर्वेद पर फोकस करता है, जो हमारी ट्रेडिशन का अहम हिस्सा है. कंपनी का मानना है कि उनका उद्देश्य सिर्फ कमाई करना ही नहीं है, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद लोगों की हेल्प करना भी है. इससे देशवासियों को गर्व का अहसास होता है और आत्मनिर्भर बनने की इंस्पिरेशन मिलती है.
छोटे और मध्यम बिजनेस को पंतजलि दे रहा मदद
पतंजलि ने कई छोटे और मध्यम इंडस्ट्री की हेल्प की है. कंपनी अपने प्रोडक्ट्स के लिए स्थानीय किसानों और छोटे बिजनेसमैन से कच्चा माल खरीदती है जिससे गांवों की इकोनॉमी को बढ़ावा मिलता है. इससे किसानों को अच्छा रेट मिलता है और उनकी इनकम बढ़ती है. नोएडा, नागपुर और इंदौर जैसे बड़े शहरों में नई फैक्ट्रियों के साथ पतंजलि अपने बिजनेस को बढ़ा रहा है, जिससे लोगों के लिए रोजगार के नए मौके भी बन रहे हैं.
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