Patanjali Microbiology Lab: पतंजलि आयुर्वेद अपने हर प्रोडक्ट को पूरी तरह सुरक्षित और असरदार बनाने के लिए खुद ही अपनी लैब में रिसर्च करता है. लैब में न्यू टेक्नोलॉजी और मॉडर्न सुविधाओं का इस्तेमाल किया जाता है. यहां की लैब्स को NABL, DSIR, DBT जैसी बड़ी रिसर्च इंस्टीट्यूट से मान्यता मिली हुई है. इन रिसोर्स की हेल्प से आयुर्वेदिक दवाओं को साइंटिफिक तरीके से डेवलप और टेस्ट किया जाता है, ताकि वे ज्यादा असरदार और सुरक्षित हों.
पतंजलि की R&D लैब्स में हर प्रोडक्ट को बेहतर बनाने के लिए हर तरह से जांच की जाती हैं. यहां आयुर्वेद के ट्रेडिशनल नॉलेज को मॉडर्न साइंस से मिलाकर जोड़ा जाता है. चलिए आगे समझते है कि पतंजलि के प्रोडक्ट कैसे तैयार होकर मार्केट में आते है.
इंट्रोडक्शन और रिसर्च
पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन (PRF) की शुरूआत 2017 में आयुर्वेद और मॉडर्न साइंस को साथ लाने के उद्देश्य से की गई थी. इसके फाउंडर आचार्य बालकृष्ण की देखरेख में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 300 से ज्यादा एक्सपीरियंस साइंटिस्ट की टीम यहां गहराई से रिसर्च करती है. जिनका एक सीधा सा उद्देश्य हर्बल और नेचुरल दवाओं के इलाज, सुरक्षा और फायदे को प्रूफ करना है. अब ये रिसर्चर पुराने आयुर्वेदिक बुक्स को रीड्स करके उनमें लिखी बातों मॉडर्न साइंस पर ले जा कर टेस्ट करते हैं.
पतंजलि के R&D लैब्स में अलग-अलग तरह के स्पेशलाइजेशन वाले सेक्शन होते हैं, इन लैब्स में कई तरह की रिसर्च और टेस्टिंग की जाती हैं.
- माइक्रोबायोलॉजी लैब
- एनालिटिकल रिसर्च
- पैथोलॉजी लैब लैब्स
इसके साथ ही उनके पास बायोसेफ्टी क्लास-II लैब हैं, जो हाई-स्पीड सेंट्रिफ्यूज, पीसीआर, यूवी-वीआईएस स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, और अन्य हाई टेक्नोलॉजी से लैस हैं.
सर्टिफिकेशन और क्वालिटी स्टैंडर्ड
पतंजलि के पास कई नेशनल और इंटरनेशनल सर्टिफिकेशन हैं, जो यह प्रूफ करते हैं कि उनकी R&D लैब भरोसेमंद और क्वालिटी स्टैंडर्ड के मुताबिक हैं. इनमें शामिल हैं -
- Good Manufacturing Practices (GMP) सर्टिफिकेट, जो यह वेरीफाई करता है कि प्रोडक्शन प्रोसेस क्वालिटी स्टैंडर्ड हैं.
- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के GMP और फार्मास्यूटिकल प्रोडक्शन सर्टिफिकेट, जो मेडिसिन प्रोडक्ट की सेफ्टी और क्वालिटी के जरूरी बहुत जरूरी हैं.
लैब में एनिमल ट्रायल और ह्यूमन ट्रायल
लैब में एनिमल ट्रायल और ह्यूमन ट्रायल सब किए जाते हैं. ताकि आयुर्वेद को 'एविडेंस बेस्ड मेडिसिन' यानी प्रूफ-बेस दवा के तौर पर दुनिया के सामने पेश कर सकें. पतंजलि अपने प्रोडक्ट्स की सुरक्षा और असर जांचने के लिए पहले जानवरों पर ट्रायल करता है. उनकी इन-विवो लैब्स को CCSEA से मंजूरी मिली हुई है, जो यह ध्यान देती है कि सभी टेस्टिंग बिल्कुल ठीक तरीके से हो. पहले प्रोडक्ट्स को लैब में टेस्ट किया जाता है, फिर चूहों और खरगोशों पर चेक होती है. और अगर रिजल्ट सही आते हैं, तो फिर ह्यूमन पर ट्रायल किया जाता है. इससे यह पक्का होता है कि मार्केट में आने से पहले हर प्रोडक्ट पूरी तरह से चेक किया गया हैं.
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