Realestate News: देश में ग्रेड ए के कमर्शियल ऑफिस स्पेस की नेट लीज 7-9 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ रही है. फाइनेंशियल ईयर 2026-27 तक यह 50 मिलियन स्क्वायर फीट के आंकड़े को पार कर जाएगी. इस बारे में जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई. क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया कि मांग के साथ-साथ सप्लाई में भी इजाफा हो रहा है. इस दौरान कुल ऑफिस स्पेस की सप्लाई 6.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के सीएजीआर (CAGR) से बढ़कर 53-57 एमएसएफ हो सकती है.
ऑक्यूपेंसी के लेवल में लगातार इजाफा हो रहा
रिपोर्ट में कहा गया, 'ऑक्यूपेंसी के लेवल में लगातार इजाफा हो रहा है. इससे आने वाले समय में कमर्शियल ऑफिस कंपनियों के कैशफ्लो में इजाफा हो सकता है. इससे कंपनियों की क्रेडिट प्रोफाइल अच्छी रहेगी.' यह रिपोर्ट 78 कमर्शियल ऑफिस कंपनियों पर बेस्ड है, जो देश में ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक का करीब एक-चौथाई हिस्सा हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले दो फाइनेंशियल ईयर में मजबूत सुधार के बाद, भारत का कमर्शियल ऑफिस मार्केट मिड ड्यूरेशन में स्थिर नेट लीज ग्रोथ के लिए तैयार है, जो घर से काम करने की कम व्यवस्था और ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर (GCC) की मजबूत मांग से प्रेरित है.
एनुअल नेट लीज में हिस्सेदारी 30-40 प्रतिशत
अलग-अलग सेक्टर में कमर्शियल ऑफिस स्पेस की सालाना नेट लीज में इनकी हिस्सेदारी 30-40 प्रतिशत है. अगले दो फाइनेंशियल ईयर में नेट लीज में बढ़त बीएफएसआई (BFSI) सेक्टर और लचीले कार्यस्थल मुहैया करने वाली कंपनियों की ग्रोथ डबल डिजिट की वृद्धि से प्रेरित होगी. बीएफएसआई (BFSI) सेक्टर में ग्रोथ स्थिर ऋण वृद्धि, मैनेजमेंट के तहत बढ़ती एसेट और कर्मचारियों की संख्या में इजाफे के कारण है.
आईटी सेक्टर में नेट लीजिंग ग्रोथ नॉर्मल रहने की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार, लचीले कार्यस्थल संचालक कंपनियों को चुस्त, लागत प्रभावी और हाइब्रिड-अनुकूल समाधान प्रदान करके विस्तार करना जारी रखेंगे. इसके उलट, आईटी/आईटीईएस सेक्टर में नेट लीजिंग ग्रोथ मध्यम रहने की उम्मीद है, जिसमें मांग 5-6 प्रतिशत बढ़ेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी / आईटीईएस क्षेत्र में घरेलू कंपनियों द्वारा शुद्ध लीज कम रहने के कारण यह वृद्धि जीसीसी द्वारा संचालित होगी.
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक गौतम शाही ने कहा, 'बढ़ी हुई आपूर्ति को अवशोषित करने वाली अच्छी मांग के साथ, भारत के ग्रेड ए कार्यालय बाजार के लिए कुल खाली स्थान वित्त वर्ष 2027 के अंत तक घटकर 15.5-16 प्रतिशत होने की उम्मीद है. यह वित्त वर्ष 2025 की तुलना में 100 आधार अंकों (बीपीएस) का सुधार होगा. हालांकि इस अवधि में कुल खाली स्थान में कमी आने की उम्मीद है, लेकिन सूक्ष्म बाजारों में यह रुझान अलग-अलग रहेगा.' (इनपुट एजेंसी से भी)