Builder Bank Nexus: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के तहत आने वाले चार प्रमुख बिल्डर प्रोजेक्ट की जांच शुरू कर दी है. यह जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू की गई है, इसमें बिल्डरों और बैंकों के बीच इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम के तहत हुए संभावित घोटाले और मिलीभगत की जांच की जाएगी. सीबीआई के इकोनॉमिक ऑफेंस विंग की तरफ से 7 मई 2025 को यमुना अथॉरिटी को एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें चार बिल्डर प्रोजेक्ट्स से संबंधित अहम दस्तावेज और जानकारी मांगी गई है. यह पत्र सीबीआई के अधिकारी राम सिंह की तरपु से साइन किये हुए हैं.
जेपी और सुपरटेक के प्रोजेक्ट
सीबीआई (CBI) ने जिन चार प्रोजेक्ट्स की जांच शुरू की है, उनमें जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड और जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड की एसडीजेड सेक्टर-25 स्थित दो ज्वाइंट परियोजनाएं प्रोजेक्ट कोव और प्रोजेक्ट कैसिया शामिल हैं. इनके अलावा सुपरटेक लिमिटेड की अपकंट्री परियोजना (सेक्टर-17A, यमुना एक्सप्रेसवे) और ओएसिस ग्रैंडस्टैंड (फेज 1) (जीएच 01, टीएस 01बी सेक्टर-22डी, यमुना एक्सप्रेसवे) की भी जांच की जा रही है.
चार प्रमुख प्वाइंट पर दस्तावेज मांगे गए
सीबीआई की तरफ से प्राधिकरण से चार प्रमुख प्वाइंट पर दस्तावेज मांगे गए हैं. इनमें लैंड अलॉटमेंट और लीज डीड की प्रतिलिपियां, बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति से संबंधित दस्तावेज, बिल्डरों की तरफ से भुगतान किए गए लीज रेंट और अन्य शुल्क का विवरण, अथॉरिटी और बिल्डरों के बीच हुई पत्राचार की प्रतियां शामिल हैं. सीबीआई ने साफ किया था कि इन दस्तावेजों को जल्द मुहैया कराया जाए ताकि संबंधित अधिकारी जांच प्रोसेस को आगे बढ़ा सकें. इस पत्राचार में दो जांच अधिकारियों नितेश कुमार (एडिशनल एसपी) और दीप शर्मा (इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस) का उल्लेख किया गया है.
सबवेंशन स्कीम में हुई धोखाधड़ी
यमुना अथॉरिटी ने सीबीआई को मांगे गए दस्तावेज सौंप दिए हैं और सीबीआई ने अब जांच की औपचारिक शुरुआत कर दी है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित एक मामले से संबंधित है, जिसमें याचिकाकर्ता हिमांशु सिंह हैं. सूत्रों के अनुसार, इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम के माध्यम से होम लोन लेने वाले ग्राहकों से बिल्डरों और बैंकों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की गई, जिसमें ग्राहकों को बिना जानकारी दिए ईएमआई बैंक से भुगतान दिखाया गया.
सीबीआई की यह कार्रवाई बिल्डर-बैंक नेक्सस के खिलाफ एक अहम कड़ी मानी जा रही है. जांच से यह भी स्पष्ट हो सकता है कि क्या यमुना अथॉरिटी की ओर से इन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने में कोई अनियमितता हुई. (IANS)