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आज आषाढ़ अमावस्‍या पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां, स्‍नान-दान मुहूर्त भी जान लें

Amavasya 2024: आषाढ़ महीने की अमावस्‍या का विशेष महत्‍व है. इस दिन पवित्र नदी में स्‍नान और पितरों के निमित्‍त दान करने की परंपरा है. साथ ही कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. 

आज आषाढ़ अमावस्‍या पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां, स्‍नान-दान मुहूर्त भी जान लें
Shraddha Jain|Updated: Jul 05, 2024, 06:19 AM IST
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Amavasya 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म में अमावस्‍या तिथि पितरों को समर्पित है. 5 जुलाई 2024, शुक्रवार को आषाढ़ अमावस्‍या है. अमावस्या के दिन शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन यह दिन दान-पुण्‍य करने के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण होता है. अमावस्‍या के दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान किया जाता है. पवित्र नदी में स्‍नान करने और फिर जरूरतमंदों को दान करने का बहुत महत्‍व है. आइए जानते हैं इस बाद अमावस्‍या पर स्‍नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त क्‍या है. 

आषाढ़ अमावस्‍या तिथि 

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ अमावस्या तिथि 05 जुलाई को सुबह 04 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होगी और 06 जुलाई को सुबह 04 बजकर 26 मिनट तक रहेगी. अमावस्‍या पर ब्रह्म मुहूर्त में यानी सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अति उत्तम माना गया है. इस अमावस्‍या पर स्‍नान के लिए शुभ समय 5 जुलाई को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04 बजकर 08 मिनट से प्रारंभ होगा जो कि सुबह 05 बजकर 29 मिनट तक रहेगा.

वहीं अमावस्‍या पर दान करने के लिए शुभ मुहूर्त 5 जुलाई को सुबह 07 बजकर 13 मिनट से सुबह 08 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. इसके बाद सुबह 08 बजकर 57 मिनट से सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक दान करना अति उत्तम रहेगा. वहीं दान के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.

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आषाढ़ अमावस्या पर क्‍या करें क्‍या ना करें 

- अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें. फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें. साथ ही अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करें. 

- अमावस्‍या की सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं. गरीब-जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, धन और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान में दें. 

- अमावस्‍या के दिन नकारात्‍मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं, लिहाजा श्‍मशान घाट, कब्रिस्‍तान या सुनसान जगह के आसपास से ना गुजरें. 

- अमावस्‍या के दिन मांस-मदिरा का सेवन ना करें. ऐसा करना जीवन में नकारात्‍मकता बढ़ाता है. 

- अमावस्‍या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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