How to Worship on Akshay Navami: कार्तिक मास जिसमें एक नहीं बल्कि कई बड़े पर्व मनाए जाते हैं. जगत के पालनकर्ता श्री हरि को भी 12 मासों में सबसे अधिक प्रिय कार्तिक मास ही है क्योंकि चार माह की योगनिद्रा के बाद वह कार्तिक शुक्ल मास की एकादशी तिथि के दिन जागते हैं. आस्था के महापर्व छठ पूजा के बाद कार्तिक शुक्ल मास की नवमी तिथि को अक्षय नवमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है, जिसे द्वापर युग का आरंभ भी माना जाता है. वर्ष 2024 में यह पर्व 10 नवंबर रविवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन किए जाने के कारण इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है.
आंवला और भगवान विष्णु का कनेक्शन
आंवला जिसे अमरता का फल भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु आंवले के पेड़ की पत्तियों में शयन करते हैं, इसलिए इस खास दिन पर आंवले के पेड़ नीचे भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है.
किस तरह करें पूजन?
इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले पूरब की मुख करके आंवले के पेड़ की जड़ में जल और कच्चा दूध चढ़ाएं. उसके बाद पेड़ पर अक्षत, चंदन, फूल, फल आदि अर्पित करें और फिर घी का दीपक जलाएं. रक्षा सूत्र या कच्चा सूत को पेड़ पर लपेटते हुए कम से कम सात बार परिक्रमा करें. पेड़ के नीचे ही नैवेद्य बनाएं या फिर घर से बनाकर ले जाएं और अर्पित करें. पूजन के बाद प्रसाद को सब में बांट दे और फिर स्वयं भी प्रसाद को पेड़ के नीचे बैठकर ग्रहण करें.
आंवले सेवन के धार्मिक और वैज्ञानिक फायदे
पद्म पुराण के अनुसार आंवले को भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है. इस विशेष दिन पर आंवले के पेड़ का पूजन और सेवन करने व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और उसका साथ स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है. आंवले का फल कई औषधीय गुणों से भरपूर है. जिसमें विटामिन, कैल्शिय़म जैसे मौजूद गुण सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते है. आंवले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स खून को साफ करके शरीर से नुकसानदेह पदार्थों को बाहर निकालता हैं. विटामिन सी भरपूर मात्रा में होने के कारण इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
दान पुण्य करना भी होता है बेहद शुभ
इस दिन गोमाता, स्वर्ण, वस्त्र आदि का दान करने से ब्रह्म हत्या जैसे पाप भी नष्ट हो जाते हैं. आंवला का दान करना भी इस दिन बेहद शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)