Mauni Amavasya 2025 Par Kya Karein: सनातन धर्म में मौनी अमावस्या को बहुत खास माना गया है. इसे एक पावन महापर्व जैसा माना जाता है. यह पर्व भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित है. इस दिन मां गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करके दुनिया को चलाने वाले श्रीहरि की स्तुति की जाती है. साथ ही जरूरतमंदों को दान करके पुण्य कमाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और जीवन के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए आपको बताते हैं कि इस बार मौनी अमावस्या कब है और उस दिन कौन से ऐसे काम करें, जिससे आपके परिवार पर श्रीहरि की कृपा बरसती रहे.
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी. इसी दिन प्रयागराज महाकुंभ का अमृत स्नान भी होगा. जिसमें करीब 10 करोड़ लोगों के गंगा-यमुना के पवित्र संगम में डुबकी लगाने की संभावना है. इस मौनी अमावस्या की शुरुआत 28 जनवरी 2025 को शाम 7.35 बजे से हो जाएगी. जबकि इस तिथि का समापन 29 जनवरी 2025 को शाम 6.05 मिनट पर होगा.
मौनी अमावस्या पर क्या न करें?
मौनी अमावस्या को सनातन संस्कृति में बेहद पवित्र माना गया है. इस दिन आप सुबह से ही भगवान विष्णु की आराधना और भक्ति भावना से सराबोर रहें. इस दिन आपको कुछ काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए.
आपको उस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए. ऐसा करना श्रीहरि का अपमान माना जाता है.
आप उस दिन किसी से भी वाद-विवाद न करें और अपने मन को शांत रखें.
झूठ बोलना वैसे तो कभी भी सही नहीं है लेकिन मौनी अमावस्या पर तो ऐसा बिल्कुल न करें.
शरीर में गर्मी पैदा करने वाली तामसिक चीजों से दूर रहें. लहसुन-प्याज के सेवन से बचें.
मांस-मदिरा, गुटखा, बीड़ी-सिगरेट जैसे नशे की चीजों के सेवन से बचना चाहिए.
मौनी अमावस्या पर क्या करें?
मौनी अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्य को अर्घ्य प्रदान करें. गंगा या पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. इसके पश्चात घर में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ मां गंगा और सूर्य देव की भी पूजा करें. इस दिन मौन व्रत का का विधान होता है. यदि आप मौन व्रत धारण न कर सकें तो ज्यादा से ज्यादा शांत रहने की कोशिश करें. इस दिन आप जरूरतमंदों को कपड़े, भोजन, धन या उनकी जरूरत का सामान दान करें. शाम के समय आप तुलसी की जड़ के पास घी का दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन संभव हो तो आप व्रत करें. अगर ऐसा न कर सकें तो दिन में सात्विक भोजन ही करें. साथ ही दिन में 11 बार ‘ॐ पितृ देवतायै नम:’ मंत्र का जाप भी करें. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)