Inauspicious Direction to Place the Mirror: हमारे जीवन में वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व है. वास्तु हमें यह बताता है कि घर में कोई चीज किस दिशा में होनी चाहिए. ऐसा करने से परिवार में सुख-शांति रहती है और परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. वहीं इसका उल्लंघन करने पर परिवार में अशांति और कलह का तांडव मच जाता है. ऐसी ही एक वस्तु है शीशा, जो हर घर में होती है. लेकिन इसकी दिशा क्या होनी चाहिए, यह बहुत कम लोगों को पता होती है. आज हम आपको बताते हैं कि शीशे को कभी भी किस दिशा में नहीं रखना चाहिए वरना घर में दुर्भाग्य के दस्तक देते देर नहीं लगती है. आइए जानते हैं कि वह दिशा कौन सी है और उस दिशा में शीशा लगाने के क्या परिणाम होते हैं.
किस दिशा में नहीं लगाना चाहिए शीशा?
ज्योतिष आचार्यों के मुताबिक, कभी भी घर की दक्षिण दिशा में शीशा नहीं लगाना चाहिए. यह दिशा यमराज की मानी जाती है, जो मृत्यु के देवता हैं. इस दिशा में शीशा रखने का अर्थ होता है कि हम यमराज का आह्वान कर रहे हैं कि हमारे घर पधारो. यह किसी अनिष्ट के आह्वान के समान होता है. इसलिए इस दिशा में भूलकर भी शीशा नहीं लगाना चाहिए.
दक्षिण दिशा में शीशा लगाने के प्रभाव
बर्बाद हो सकता है करियर
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, अगर आपने दक्षिण दिशा की दीवार पर शीशा लगा रखा है तो उसे जल्द से जल्द वहां से हटा लें. ऐसा न करने से आपका करियर बर्बाद हो सकता है. इससे नौकरी-कारोबार में होने वाली तरक्की रुक जाती है और जातक को नुकसान झेलने पड़ते हैं.
नकारात्मक ऊर्जा का आह्वान
दक्षिण दिशा में लगा शीशा नकारात्मक ऊर्जा का आह्वान करता है. इस दिशा में शीशा लगाने से घर का माहौल तनावपूर्ण बनता है. इससे परिवार में छोटी-छोटी बात पर क्लेश होने लगता है. पति-पत्नी के रिश्तों में तनाव रहता है और भाई-बहनों से संबंध बिगड़ जाते हैं.
मां लक्ष्मी की झेलनी पड़ती अप्रसन्नता
धार्मिक विद्वानों के मुताबिक, जिन घरों की दक्षिण दीवारों पर शीशा लगा होता है, उन्हें आर्थिक नुकसान झेलने की आशंका ज्यादा रहती है. ऐसे जातकों से मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं. जिससे धन के स्रोत धीरे-धीरे सीमित होने लग जाते हैं और आर्थिक नुकसान होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)