Vastu Shastra: घर को शांतिपूर्ण, समृद्ध और सुखमय बनाए रखने के लिए वास्तुशास्त्र में दिशा का विशेष महत्व बताया गया है. यदि आप मकान मालिक हैं और अपने घर में किराएदार रखते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि उनके लिए बनाया गया कमरा किस दिशा में होना चाहिए. वास्तु के अनुसार गलत दिशा में बनाए गए किराएदार के कमरे से अक्सर मतभेद, झगड़े, आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इस लेख में हम बताएंगे कि किराएदार के कमरे की सही और गलत दिशा क्या है, वास्तु दोष से कैसे बचें, और किराए पर देने से पहले किन बातों का ध्यान रखें, ताकि मकान मालिक और किराएदार के रिश्ते मधुर बने रहें.
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वास्तु के अनुसार गलत दिशा में किराएदार का कमरा:
दक्षिण-पश्चिम दिशा (South-West Direction) को वास्तु में घर के स्वामी की दिशा माना गया है.
यह दिशा घर के मुखिया को स्थिरता, अधिकार और नियंत्रण प्रदान करती है.
अगर किराएदार को दक्षिण-पश्चिम दिशा का कमरा दे दिया जाए, तो वह घर में अधिकार जताने लगेगा, उसके निर्णय घर के माहौल को प्रभावित कर सकते हैं और मकान मालिक के साथ वर्चस्व की टकराहट हो सकती है. कई बार किराएदार घर छोड़ने को भी तैयार नहीं होता, और कानूनी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. इसलिए किराएदार को दक्षिण-पश्चिम दिशा में कभी भी कमरा न दें.
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किराएदार के लिए वास्तु के अनुसार शुभ दिशा
उत्तर-पश्चिम दिशा (North-West): यह दिशा वायव्य कोण कहलाती है, और चंद्रमा व वायु तत्व से जुड़ी होती है.
यह दिशा गेस्ट रूम या किराएदार के कमरे के लिए उपयुक्त मानी जाती है.
उत्तर-पश्चिम में बना कमरा स्थायित्व नहीं देता, यानी किराएदार समय पर घर छोड़कर चला जाता है और मकान मालिक को किसी तरह की बाधा नहीं होती. किराएदार के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त है.
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क्या होता है जब गलत दिशा में किराएदार रहता है?
अगर आप वास्तु की अनदेखी करते हैं और किराएदार को दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम या ईशान कोण (पूर्वोत्तर) दिशा में कमरा दे देते हैं, तो आपको निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है:
किराएदार अधिकार जताने लगेगा
मकान मालिक की बातों को अनदेखा करेगा
घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा
विवाद, झगड़े और कानूनी समस्याएं बढ़ सकती हैं
घर की शांति और समृद्धि में रुकावट आएगी
किराएदार का वर्चस्व स्थापित हो सकता है
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किराएदार का कमरा बनवाते समय ध्यान रखने योग्य वास्तु सुझाव
1. कमरे का स्थान (Location): किराए पर देने के लिए कमरा उत्तर-पश्चिम में बनाएं. ग्राउंड फ्लोर की अपेक्षा ऊपरी मंजिल पर देना बेहतर रहेगा
2. मुख्य द्वार से दूरी: किराएदार का कमरा मुख्य द्वार के बिल्कुल सामने न हो. इससे घर की ऊर्जा सीधे उसके कमरे की ओर जाती है
3. स्वतंत्र प्रवेश (Independent Entry): किराएदार को एक अलग प्रवेश द्वार दें तो बेहतर होगा. इससे परिवार की गोपनीयता और ऊर्जा संतुलन बना रहता है
4. सौंदर्य और रंग: कमरे की दीवारों में हल्के रंग जैसे क्रीम, हल्का नीला या हरा प्रयोग करें. काले, गहरे लाल या गहरे ग्रे रंगों से बचें
5. टॉयलेट और किचन की स्थिति: टॉयलेट दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम में हो. किचन यदि है, तो उसे पूर्व या दक्षिण-पूर्व में बनवाएं. मकान मालिक और किराएदार के रिश्ते में मधुरता कैसे बनाए रखें?
इन सारे वास्तु नियमों का पालन करने के अलावा घर किराए से देते समय लिखित समझौता अवश्य करें. किराएदार से दस्तावेज और पहचान पत्र लें. घर के नियमों की सूची बनाकर पहले ही साझा कर दें. नियमित संवाद और सम्मानजनक व्यवहार बनाए रखें. किसी भी झगड़े की स्थिति में शांत और कानूनी तरीका अपनाएं.
अतिरिक्त वास्तु उपाय
किराएदार के कमरे में तुलसी का पौधा रखें, इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा. घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक और ऊँ का चिह्न बनाएं – घर में सौहार्द बना रहेगा. हर शनिवार को घर में गौमूत्र या गंगाजल का छिड़काव करें – नकारात्मकता दूर होगी. किराएदार के कमरे में दर्पण इस प्रकार न लगाएं कि मुख्य द्वार दिखे. यदि किराएदार से झगड़ा शुरू हो जाए, तो घर के पश्चिम दिशा में नींबू और नमक का उपाय करें.
(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)