Sawan Shivratri 2025 Rare Yog: सावन का महीना शिवभक्तों के लिए सबसे पावन होता है. जिसमें सोमवार का विशेष महत्व होता है. वैसे तो हर सोमवार को जल चढ़ाने का महात्म्य है लेकिन हर सोमवार ना जा सके तो किसी एक सोमवार भी जाकर महादेव को जल चढ़ाकर अपनी आस्था समर्पित कर सकते हैं. अगर किसी कारणवश सोमवार को दर्शन ना कर पाए तो फिर सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि को जलाभिषेक और पूजा कर शिवभक्त भोलेनाथ की विशेष कृपा पा सकते हैं. इस बार की शिवरात्रि की बात करें तो यह बेहद खास होने वाली है. इस शिवरात्रि पर ग्रहों की चाल से कई शुभ संयोग और राजयोग बन रहे हैं. इन संयोगों का प्रभाव कई राशियों पर पड़ने वाला है. आइए जानते है कि वे भाग्यशाली राशियां कौन सी हैं.
इस बार कब मनाई जाएगी शिवरात्रि?
श्रावण मास...यानी कण-कण में भगवान शिव का वास.जब संपूर्ण सृष्टि बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठती है. जब हर श्रद्धावान की दिल से मांगी हुई मनोकामना पूर्ण होती है. गंगाजल से भरा कांवड़ उठाए शिव भक्त..आस्था में डूबे नज़र आते हैं. और फिर हिंदू पंचाग के अनुसार सावन महीने की चतुर्दशी को शिवरात्रि का त्योहार मनाते हैं. देवों के देव महादेव को समर्पित..शिवरात्रि का त्योहार इस बार 23 जुलाई यानी बुधवार को है.
सनातन धर्म में सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व है. शास्त्रों में कहा गया है कि सावन की शिवरात्रि के दिन व्रत करने से भगवान शंकर बेहद प्रसन्न होते हैं.. और अपने भक्तों की हर मुश्किल को आसान कर देते हैं.. उसके कष्ट हर लेते हैं...साथ ही साधक के घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है.
शिवलिंग पर जलाभिषेक क्यों किया जाता है?
दरअसल धार्मिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष का महादेव ने पान किया था. इस विष से महादेव का गला जलने लगा, तो सावन शिवरात्रि के दिन ही देवताओं ने महादेव का जलाभिषेक किया था. यही वजह है कि इस विशेष दिन को आज भी श्रद्धालु भगवान शिव को गंगाजल चढ़ाते हैं.
सावन के पावन महीने में ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था.. इसीलिए शादीशुदा महिलाएं इस विशेष दिन पर अपने पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना करती हैं. लेकिन महादेव की कृपा पाने के लिए जितनी ज़रूरी मन की शुद्धता है..उतना ही शुभ मुहूर्त पर पूजा भी है.
सावन शिवरात्रि 2025 का पूजा मुहूर्त क्या है?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस बार सावन शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 23 जुलाई को सुबह 4 बजे के करीब होगी. इसका समापन 24 जुलाई को रात में 2 बजकर 24 मिनट पर होगा. निशिता काल की पूजा का मुहुर्त 24 जुलाई की रात 12 बजे के बाद आरंभ होगा.
शिवरात्रि के मौके पर भोले शंकर की पूजा के लिए श्रद्धालु हरिद्वार, ऋषिकेश से गंगाजल लेकर निकलते हैं और शिव मंदिरों में उसे अर्पण करते हैं. दरअसल शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जलाभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
शिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा कैसे करें?
कहते हैं शिवरात्रि पर जितना महत्व जलाभिषेक के मुहुर्त का है.. उतनी ही विशेष है भगवान भोले शंकर के पूजा की विधि.. सावन शिवरात्रि के दिन, भगवान शिव को जल, दूध, घी, शहद आदि से अभिषेक करें. फिर, शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. फिर धूप, दीप, फल और फूल से पूजा करें. इस दौरान शिव पुराण, शिव स्तुति या शिव चालीसा का पाठ भी किया जाता है.
यदि आप भी चाहते हैं कि भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो. देवों के देव आपके भी कष्ट दूर करें तो सावन की इस शिवरात्रि को आप भी महादेव का अभिषेक करना ना भूलें.
शिवरात्रि 2025 पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं?
वैसे तो शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है लेकिन सावन की शिवरात्रि का शिवभक्तों के लिए अलग ही महत्व रखती है. इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है. साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. सावन में शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. इस बार सावन की शिवरात्रि पर ग्रहों का उत्तम संयोग रहेगा.
सर्वार्थ सिद्धि, गजकेसरी, नवपंचम राजयोग इसके अलावा भद्रावास योग भी बन रहे हैं. सावन की शिवरात्रि के दिन चंद्र के साथ मिलकर मिथुन राशि में मौजूद गुरु एक राजयोग का निर्माण करने जा रहे हैं. इन दोनों ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण बनने वाले गजकेसरी राजयोग से कुछ राशियों के लोगों की किस्मत चमक सकती है.
शिवरात्रि पर शुभ संयोगों से किन राशियों को होगा फायदा?
इसलिए हर बार की तरह इस बार भी सावन की शिवरात्रि पर शिवमंदिर में जलाभिषेक और पूजा-पाठ का विशेष लाभ लेने के लिए शिवभक्त बड़ी संख्या में महादेव को जल चढ़ाएंगे और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगेंगे. सावन की इस शिवरात्रि पर ग्रहों की खास चाल की वजह से कुछ खास राशि के लोगों को लाभ मिलने वाला है. जैसे वृष राशि के लोगों को गजकेसरी राजयोग के बनने से आपको धन लाभ हो सकता है.
मिथुन राशि के लिए राजयोग का निर्माण होने से विशेष लाभ मिलने वाला है, पद-प्रतिष्ठा बढ़ेगी और कमाई के अच्छे अवसर मिलेंगे. सिंह राशि के लोगों की आय बढ़ने के मौके बनेंगे, प्रमोशन हो सकता है और सोशल नेटवर्क बेहतर बनेगा, दोस्तों के साथ धार्मिक कार्य और यात्रा कर सकते हैं. तुला राशि के जातकों के लिए गजकेसरी राजयोग आपकी राशि से भाग्य स्थान पर बनने जा रहा है, काफी समय से अटके हुए काम बन सकते हैं, धर्म-कर्म के काम में रुचि बढ़ेगी.
मंदिरों में शिवरात्रि के लिए की जा रही खास व्यवस्था?
गाजियाबाद के दूधेश्वर मंदिर में शिवरात्रि और उसके महत्व को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्था की जा रही है. जिससे इस वर्ष की सावन शिवरात्रि विशेष रूप से दिव्य और भव्य होने जा रही है. दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों के साथ ही दूर दूर तक दूधेश्वर मंदिर का क्या महात्म्य है ये बात खुद बाबा के भक्त बता रहे हैं.
सिर्फ दूधेश्वर नाथ मंदिर ही नहीं बल्कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों के साथ ही दुनिया भर में शिवरात्रि के दिन मंदिरों में शिवभक्तों का सैलाब देखने को मिलेगा. शुभ संयोग ग्रहों की चाल दशा को लेकर हर भक्त अपनी मनचाही मुराद पूरी करना चाहता है. देवों के देव महादेव अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते. भक्त सच्चे मन से जो कुछ भी मांगते हैं, भोलेनाथ उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. शिवरात्रि के दिन तो अवघड़दानी अपने भक्तों के लिए झोली खोल देते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)