Shani Sade Sati on Meen Rashi: राशि चक्र की 12वीं और सबसे आखिरी राशि है, मीन राशि. आने वाले 29 मार्च को दंडाधिकारी शनि मीन राशि में ही प्रवेश करने जा रहे हैं. शनि 30 साल बाद मीन राशि में प्रवेश करेंगे और इसके साथ ही मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण भी शुरू हो जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साढ़े साती का दूसरा चरण सबसे ज्यादा कष्ट देता है. यह जातक को आर्थिक नुकसान पहुंचाता है, उसकी तरक्की रोक देता है, शारीरिक-मानसिक कष्ट देता है, रिश्तों में कड़वाहट ला देता है. कुल मिलाकर उसके जीवन के कई क्षेत्रों पर नकारात्मक असर डालता है.
ढाई साल संभलकर रहें मीन राशि के जातक
साढ़ेसाती साढ़े 7 साल की होती है और हर चरण ढाई साल का होता है. जिसमें दूसरा चरण सबसे ज्यादा खराब माना गया है. ऐसे में मीन राशि के जातकों को अगले ढाई साल सबसे ज्यादा संभलकर रहने की जरूरत है. शनिदेव जब 2027 में राशि परिवर्तन करके मेष राशि में प्रवेश करेंगे तब मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण होगा. इसके बाद 2029 में जब शनि वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे तब मीन राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी.
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शनि की साढ़ेसाती में नहीं करें ये काम
शनि की साढ़ेसाती में व्यक्ति को कोई भी जोखिम भरा काम करने से बचना चाहिए. उसे जोखिम भरे निवेश से या किसी भी तरह के शॉर्टकट अपनाने से बचना चाहिए.
घर या कार्यस्थल पर किसी से भी बिना वजह तर्क-वितर्क करने से बचना चाहिए.
साढ़ेसाती के दौरान जातक को शारीरिक कष्ट होने की आशंका बहुत ज्यादा रहती है. ऐसे में जातक बीमारियों को लेकर भी सावधान रहना चाहिए. साथ ही वाहन चलाते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए. ट्रैफिक रूल नहीं तोड़ना चाहिए.
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शनि न्याय के देवता हैं, वे गलत काम या अनैतिक काम करने वालों को सख्त दंड देते हैं. साढ़ेसाती के दौरान किसी का शोषण करने, नियम तोड़ने, धोखा देने, चोरी करने या गलत तरीके से पैसा कमाने की कोशिश ना करें. ये गलती जातक को मिट्टी में मिला सकती है.
नशे से दूर रहें. यदि कुंडली में शनि अशुभ हों तो मांस-मदिरा से दूर रहें.
जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती हो उन लोगों को रात के समय अकेले यात्रा नहीं करना चाहिए. साथ ही इन दोनों दिन काले कपड़े या चमड़े के सामान खरीदने, उपयोग करने से बचना चाहिए.
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साढ़ेसाती से बचाव का उपाय
शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए रोजाना हनुमान चालीसा पढ़ना, भगवान शिव का जलाभिषेक करना बहुत राहत देता है. शनि देव शिव जी और हनुमान जी के भक्तों को कष्ट नहीं देते हैं.
(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)