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Vastu Tips: कुत्ता या बिल्ली? वास्तु के अनुसार जानिए कौन सा पालतू जानवर घर के लिए शुभ

Which Animals Are Auspicious For Home: अपने स्वभाव, राशि और जीवनशैली के अनुसार निर्णय लें और उस जीव के साथ सम्मान और प्रेम से पेश आएं। याद रखें, पालतू जानवर केवल साथी नहीं, बल्कि आपके जीवन के ऊर्जात्मक रक्षक भी हो सकते हैं।

Vastu Tips dog or cat
Vastu Tips dog or cat
Narinder Juneja|Updated: Aug 02, 2025, 10:57 PM IST
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Animals For Home: पालतू जानवर केवल हमारे साथी ही नहीं होते, बल्कि वे घर की ऊर्जा, वातावरण और जीवनशैली पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। भारतीय वास्तु शास्त्र में हर वस्तु और जीव का एक निश्चित ऊर्जा क्षेत्र (Energy Field) होता है, जो हमारे जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति को प्रभावित करता है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि हमारे घर में कौन सा पालतू जानवर हमारे लिए शुभ है – कुत्ता या बिल्ली? आइए, वास्तु शास्त्र के अनुसार इस विषय पर विस्तृत चर्चा करें।

1. वास्तु और पालतू जानवरों का संबंध
वास्तु शास्त्र केवल घर की दीवारों, दिशाओं और रंगों तक सीमित नहीं है। यह हमारे आसपास की सभी जीवित और निर्जीव वस्तुओं की ऊर्जाओं के संतुलन की बात करता है। जब हम किसी पालतू जानवर को अपने घर में लाते हैं, तो उसकी ऊर्जा हमारे जीवन की कई घटनाओं को प्रभावित कर सकती है। कुत्ते और बिल्लियों की प्रकृति एक-दूसरे से भिन्न होती है, और उनका ऊर्जा क्षेत्र भी अलग-अलग होता है। इसलिए, यह जानना ज़रूरी है कि आपके घर और राशि के अनुसार कौन सा पालतू आपके लिए उपयुक्त रहेगा।

2. कुत्ता: वास्तु शास्त्र की दृष्टि से
शुभ संकेत:
वास्तु शास्त्र के अनुसार कुत्ता विशेष रूप से सकारात्मक ऊर्जा का वाहक होता है। यह नकारात्मक शक्तियों और ऊर्जाओं को पहचानने और भगाने में सक्षम माना गया है। कुत्ता घर की सुरक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक संतुलन भी बनाए रखता है।

दिशा अनुसार प्रभाव:
कुत्ते को यदि उत्तर दिशा या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखा जाए तो वह अत्यंत शुभ होता है। यह दिशा वायु तत्व की होती है और कुत्ता इस तत्व से सामंजस्य बिठाता है।

राशि अनुसार:
मेष, सिंह, धनु, और वृषभ राशि वालों के लिए कुत्ता विशेष रूप से शुभ माना गया है। यह राशि वाले सामान्यतः ऊर्जावान और उत्साही होते हैं, और कुत्ते का वफादार स्वभाव इनके स्वभाव के अनुकूल होता है।

लाभ:
घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है
बुरी शक्तियों और नज़र दोष से रक्षा होती है
मानसिक शांति और सुरक्षा का भाव बढ़ता है
बच्चों में सहनशीलता और दया का भाव आता है

सावधानियां:
कुत्ते को साफ-सुथरा रखें और नियमित टीकाकरण कराएं
भोजन और शयन स्थान निर्धारित दिशा में रखें
उसे बंद कमरे में न रखें, उसे खुला वातावरण दें

3. बिल्ली: वास्तु शास्त्र में क्या कहता है?
शुभ या अशुभ?
बिल्ली को लेकर भारतीय समाज में दो तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि बिल्ली अपशगुन का प्रतीक होती है, जबकि वास्तु शास्त्र इसकी पुष्टि नहीं करता। वास्तु के अनुसार, बिल्ली एक रहस्यमयी और संवेदनशील प्राणी है, जो आत्मिक और सूक्ष्म ऊर्जाओं को पहचानने में सक्षम होती है।

दिशा अनुसार प्रभाव:
बिल्ली को दक्षिण-पूर्व या पूर्व दिशा में रखना अच्छा माना जाता है। यह दिशा अग्नि तत्व की मानी जाती है और बिल्ली उस ऊर्जा के साथ सामंजस्य रखती है।

राशि अनुसार:
मिथुन, कन्या, कुंभ और तुला राशि वालों के लिए बिल्ली शुभ फलदायी होती है। ये राशि वाले बुद्धिमान, विचारशील और विश्लेषणात्मक प्रवृत्ति के होते हैं – बिल्ली का आत्मकेंद्रित स्वभाव इनके लिए उपयुक्त होता है।

लाभ:
घर की नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करती है
सूक्ष्म स्तर पर ऊर्जाओं को संतुलित रखती है
एकांतप्रिय लोगों के लिए अच्छा साथी
मानसिक तनाव को कम करती है

सावधानियां:
बिल्ली को कभी भी रसोई या पूजा स्थल में न जाने दें
उसके भोजन और विश्राम का स्थान अलग हो
उसे समय-समय पर चिकित्सकीय जांच कराते रहें

4. किसे चुनें – कुत्ता या बिल्ली?
अब सबसे बड़ा सवाल आता है कि कौन सा पालतू आपके लिए सही है?
कुत्ते को आमतौर पर एक सक्रिय और सकारात्मक ऊर्जा का वाहक माना जाता है। यह घर में सुरक्षा और सतर्कता लाता है और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है। खासकर यदि आपके घर में छोटे बच्चे हैं, तो कुत्ता एक बेहतरीन साथी बन सकता है क्योंकि वह स्वभाव से सामाजिक होता है और बच्चों के साथ घुल-मिल जाता है। वास्तु के अनुसार, कुत्ते को उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है। राशियों की बात करें तो मेष, सिंह, धनु और वृषभ राशि वालों के लिए कुत्ता पालतू के रूप में अत्यंत अनुकूल होता है।

वहीं दूसरी ओर, बिल्ली एक आत्मिक और संवेदनशील ऊर्जा से जुड़ी मानी जाती है। यह घर में व्याप्त सूक्ष्म और नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करती है और मानसिक शांति को बढ़ावा देती है। बिल्ली थोड़ा एकांतप्रिय होती है लेकिन यह तनाव को कम करने में मदद करती है। वास्तु के अनुसार, बिल्ली को पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना उपयुक्त होता है। राशियों की दृष्टि से मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ राशि वालों के लिए बिल्ली एक शुभ और उपयुक्त पालतू मानी जाती है। इसलिए यदि आप वास्तु के अनुसार निर्णय लेना चाहते हैं तो अपने स्वभाव, राशियों और जीवनशैली के अनुसार कुत्ता या बिल्ली चुन सकते हैं। दोनों ही पालतू आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, बस उन्हें सही दिशा, देखभाल और प्रेम मिलना चाहिए।

5. वास्तु के अनुसार पालतू रखने के सामान्य नियम
पालतू जानवरों का स्थान वास्तु के अनुसार तय करें
उन्हें समय पर भोजन दें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें

उनकी बीमारियों को अनदेखा न करें
उनके साथ भावनात्मक संबंध बनाए रखें, तभी वे आपको सकारात्मक ऊर्जा देंगे
उनकी गतिविधियों पर नजर रखें – वे कभी-कभी आने वाले संकट का संकेत भी दे सकते हैं

निष्कर्ष:
पालतू जानवर जीवन में खुशियों और ऊर्जा का संचार करते हैं, लेकिन यदि उन्हें वास्तु शास्त्र के अनुसार रखा जाए तो वे भाग्यवृद्धि और समृद्धि का भी कारण बन सकते हैं। कुत्ता हो या बिल्ली – दोनों ही अपने-अपने तरीके से सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

(Disclaimer- प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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