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खुद दुर्भाग्‍य को बुलावा देने जैसा है रात को सोते समय शीशे को लेकर की गई ये गलती! दुख में बीतती है जिंदगी

Mirror Vastu in bedroom: घर में सही जगह पर शीशा या मिरर धन का अंबार लगा सकता है तो गलत जगह पर रखा मिरर तंगी लाता है. जानिए वास्‍तु शास्‍त्र में शीशे को लेकर क्‍या अहम बात कही गई है. 

खुद दुर्भाग्‍य को बुलावा देने जैसा है रात को सोते समय शीशे को लेकर की गई ये गलती! दुख में बीतती है जिंदगी
Narinder Juneja|Updated: Aug 01, 2025, 11:57 AM IST
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Mirror in Vastu: वास्तु शास्त्र भारतीय जीवन शैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमारे घर के निर्माण, सजावट और दिशा-निर्देशों से जुड़ा हुआ है. इसके अनुसार घर में रखी हर वस्तु, उसका स्थान और उसका उपयोग हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है. इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली वस्तु है — शीशा (Mirror).

बहुत से लोग इसे केवल एक सजावटी वस्तु या दैनिक उपयोग का साधन मानते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार शीशा ऊर्जा का परावर्तक होता है और इसका प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है. खासकर, रात में शीशा खुला रखने या उसे न ढकने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. आइए विस्तार से समझते हैं कि रात में शीशा ढकना क्यों जरूरी है और ऐसा न करने पर किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

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1. नकारात्मक ऊर्जा का प्रसार

वास्तु शास्त्र के अनुसार, शीशा ऊर्जा को परावर्तित करता है. दिन में जब सूर्य की किरणें घर में प्रवेश करती हैं, तब यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है. लेकिन रात के समय जब चारों ओर अंधेरा होता है, तो शीशा आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा को परावर्तित करके पूरे कमरे में फैला सकता है.

इसका सीधा असर घर के वातावरण पर पड़ता है. कई बार बेवजह का तनाव, झगड़े या मानसिक अशांति का कारण भी यही बनता है. इसलिए रात में शीशे को ढक देना जरूरी होता है, ताकि यह नकारात्मक ऊर्जा को रोक सके.

2. नींद की गुणवत्ता पर असर

वास्तु के अनुसार यदि आपके बेडरूम में कोई बड़ा शीशा है और वह रात को खुला रहता है, तो यह नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि शीशा आपके शरीर की ऊर्जा को वापस परावर्तित करता है, जिससे आपका मन पूर्ण रूप से शांत नहीं हो पाता.

यह स्थिति खासकर तब और बिगड़ सकती है जब आपका बिस्तर सीधे शीशे के सामने हो. ऐसे में नींद बार-बार टूट सकती है, डरावने सपने आ सकते हैं या सुबह उठने पर थकान महसूस हो सकती है.

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3. पति-पत्नी के संबंधों में खटास

वास्तु शास्त्र यह भी मानता है कि यदि दंपत्ति का बिस्तर कमरे में किसी बड़े शीशे के सामने हो, तो यह वैवाहिक जीवन में तनाव ला सकता है. यह दंपत्ति के बीच भ्रम, असमझ या गलतफहमी को बढ़ावा दे सकता है.

यह संबंधों में नकारात्मक ऊर्जा लाता है और प्यार तथा समझदारी को धीरे-धीरे कम कर सकता है. इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि या तो बिस्तर को शीशे से दूर रखा जाए, या फिर रात के समय शीशे को किसी कपड़े से ढक दिया जाए.

4. धन हानि और आर्थिक अस्थिरता

वास्तु में शीशे को धन से जुड़ी ऊर्जा का प्रतिबिंब माना गया है. यदि रात को शीशा खुला रहता है और उसमें बिखरी हुई वस्तुएं, कचरा, या गंदगी दिख रही हो, तो यह आर्थिक नुकसान का संकेत माना जाता है.

ऐसी स्थिति में परिवार के सदस्यों को धन की कमी, कर्ज या व्यर्थ के खर्चों का सामना करना पड़ सकता है. शीशा अगर तिजोरी या पैसे रखने की जगह को दर्शाता है, तो उसे रात में विशेष रूप से ढक देना चाहिए ताकि धन की ऊर्जा स्थिर बनी रहे.

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5. भूत-प्रेत या डरावने अनुभव

हालांकि यह तर्क विज्ञान पर आधारित नहीं है, लेकिन कई लोग अनुभव करते हैं कि रात में खुला शीशा उन्हें असहज, डरा हुआ या निगेटिव महसूस कराता है. कुछ मामलों में लोगों ने यह तक बताया है कि उन्हें शीशे में कोई परछाई या आकृति नजर आई जो वास्तव में वहां नहीं थी.

वास्तु शास्त्र के अनुसार, रात में शीशा नेगेटिव एनर्जी और सूक्ष्म शक्तियों का प्रवेश द्वार बन सकता है. विशेष रूप से कमजोर मानसिक स्थिति वाले व्यक्ति पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है.

रात में शीशा ढकने के उपाय

अब जब यह स्पष्ट हो गया है कि रात को शीशा खुला रखना कितने नुकसानदायक हो सकता है, तो आइए जानते हैं कुछ सरल और प्रभावी उपाय जिनसे आप इन नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं:

कपड़े से ढकें: रात को सोने से पहले शीशे को मोटे कपड़े से ढक दें, खासकर बेडरूम में लगे शीशे को.

परदे का प्रयोग: यदि शीशा बड़ा हो, तो उसके सामने पर्दा लगाने का विकल्प भी उपयोगी रहेगा.

स्थान का ध्यान रखें: बेडरूम में शीशा सीधे बिस्तर के सामने न लगाएं. अगर लगाना जरूरी हो, तो एक साइड में लगाएं.

शीशे की सफाई: शीशे को हमेशा साफ रखें, उसमें धूल या धब्बे न हों. गंदा शीशा नकारात्मक ऊर्जा को और बढ़ाता है.

शुभ प्रतीकों का उपयोग: शीशे पर छोटी सी तस्वीर जैसे 'ॐ' या स्वास्तिक चिह्न लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.

विज्ञान क्या कहता है?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो शीशे में रात को रोशनी का परावर्तन आंखों को चुभ सकता है, जिससे दिमाग सक्रिय रहता है और नींद में बाधा आती है. साथ ही, यदि आप नींद में करवट बदलते हैं और खुद को शीशे में देख लेते हैं, तो दिमाग चौंक सकता है, जिससे डर और बेचैनी हो सकती है. इसलिए भले ही वास्तु को आप न मानें, लेकिन रात में शीशा ढकना व्यावहारिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद है.

निष्कर्ष - वास्तु शास्त्र केवल रूढ़ियों या परंपराओं का संकलन नहीं है, बल्कि यह जीवन को संतुलित, सकारात्मक और समृद्ध बनाने की एक वैज्ञानिक प्रणाली है. इसके अनुसार, घर की छोटी-छोटी चीजें भी आपके जीवन को प्रभावित कर सकती हैं. रात में शीशा न ढकना — एक ऐसी ही छोटी-सी गलती है जो बड़े नुकसान का कारण बन सकती है. यह आपकी नींद, मानसिक स्थिति, रिश्ते, और आर्थिक स्थिति पर असर डाल सकती है. इसलिए आज से ही इस आदत को बदलें — रात में शीशा ढकना शुरू करें और अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बनाए रखें. "छोटी-सी सतर्कता, बड़ा लाभ" — यही तो है वास्तु का सार.

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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