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Ramnavami 2024: बेहद खास होगी प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली रामनवमी, अद्भुत पोशाक में होंगे प्रभु श्री राम

Ram Navami 2024: अयोध्या के राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद राममंदिर में पहली बार रामनवमी पर्व मनाया जाएगा. बता दें कि राम नवमी को लेकर मंदिर में  तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही है. इस बार रामनवमी पर  5 वर्षीय रामलला का जन्मोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा. 

 
ayodhya ram mandir ramlala
ayodhya ram mandir ramlala
shilpa jain|Updated: Apr 16, 2024, 09:08 AM IST
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Ayodhya Ramlala: चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन राम नवमी के रूप में मनाया जाता है. इस बार रामनवमी पर्व 17 अप्रैल के दिन मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्री राम ने राम नवमी के दिन जन्म लिया था. अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के  बाद ये उनकी पहली राम नवमी है. ऐसे में राम मंदिर में रामलला के जन्मोत्सव की तैयारी खूब जोर-शोर से चल रही हैं. जानें राम मंदिर में चल रही भव्य तैयारियों के बारे में. 

दुल्हन सा सजा है अयोध्या राम मंदिर 

बता दें कि रामनवमी पर भव्य राम मंदिर में पहली बार 5 वर्षीय रामलला का जन्मोत्सव को मनाए जाने की तैयारी की जा रही है. मंदिर के जन्मभूमि पथ पर बने स्वागत द्वार से लेकर गर्भगृह तक 
आकर्षक लाइटें और फूलों से सजाया जा रहा है, जिसमें शामिल होने के लिए कई लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. 

वहीं मंदिर परिसर में मशहूर कलाकारों के द्वारा संगीत गायन, बधाई गीतों का आयोजन प्रारम्भ हो गया है.  रामनवमी के दिन सुबह 4:00 बजे से भक्त अपने आराध्य रामलला का दर्शन प्राप्त कर सकेंगे, जो रात्रि 11 बजे तक ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने राम नवमी के तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि राम नवमी पर एक दिन के लिए ही 19 घंटे दर्शन रामलला का दर्शन कर सकेंगे.

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ऐसी रहेगी रामलला की दिनचर्या 

प्रातः काल 3:30 से दर्शन करने के लिए समाज लाइन में लग सकता है और सुबह 4:00 से श्रृंगार और दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे. और सुबह श्रृंगार आरती प्रातःकाल 5.00 बजे होगी. लेकिन दिनचर्या में रामलला के वस्त्र बदलने और भोग लगाने के लिए समय-समय पर अल्पकाल के लिए पर्दा रहेगा. 

उन्होंने बताया कि अभी तक सामान्य रूप से प्रातः काल 6:30 बजे के बाद दर्शन प्रारंभ होते हैं केवल एक दिन के लिए 17 अप्रैल को दर्शन की विशेष व्यवस्था लागू होगी. चंपत राय ने बताया कि दिनभर में भगवान को पांच बार भोग लगाया जाता है. प्रातः काल 6:30 फिर 9.00 बजे बाल भोग लगाया जाता है. 

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दोपहर 12:30 राजभोग लगाया जाएगा और फिर 4:00 नैवेद्य के रूप में अल्पाहार रामलला को समर्पित होगा. फिर शयन के पहले रात्रि में भोजन कराया जाएगा. और दोपहर 12:00 बजे से पहले रामलला के जन्मोत्सव पर वस्त्र श्रृंगार किया जाएगा और 12 बजते ही पर्दा खुल जाएगा. 
 
इस दौरान रामलला के उत्सव मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद शाम को दर्शन को बिना बाधित किए शाम को 6:00 बजे संध्या आरती की जाएगी. श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव देखते हुए शयन आरती की जाएगी. 

रामलला पहनेंगे सोने-चांदी के तारों से हुए काम की पोशाक

रामनवमी पर अयोध्या में पीले रंग के वस्त्र धारण करेंगे रामलला. सिल्क के कपड़े पर सोने चांदी के तारों से काम किया गया है. रामनवमी के दिन भव्य आयोजन किया जाएगा और रामलला की साज सज्जा के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं. रामनवमी पर रामलला जो वस्त्र धारण करेंगे वो दिल्ली से तैयार होकर अयोध्या जाएंगे और ये वस्त्र राम लला के डिजाइनर मनीष त्रिपाठी तैयार कर रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी रामलला ने जो वस्त्र धारण किए थे वो मनीष त्रिपाठी ने बनाए थे और तब से अब तक रोज जो वस्त्र रामलला को पहनाए जाते हैं वो मनीष त्रिपाठी ही तैयार करके अयोध्या भेजते हैं.

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