Bada Mangal History: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. खासतौर पर सभी मंगलवार विशेष होते हैं. ज्येष्ठ मास के मंगल को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहते हैं. बड़ा मंगल के दिन किया गया पूजा-पाठ, दान बहुत लाभ देता है. मान्यता है कि बड़ा मंगल के दिन ही त्रेतायुग में भगवान राम की मुलाकात बजरंगबली से हुई थी. आज 27 मई को तीसरा बड़ा मंगल है. इसके अलावा एक और खास पौराणिक कथा है जो बड़ा मंगल से जुड़ी है.
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अवध के नवाब थे हनुमान जी के भक्त
बड़ा मंगल से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार लखनऊ के नवाब भी हनुमान जी के भक्त थे. उन्होंने ही बड़ा मंगल पर भंडारा करवाने की शुरुआत की थी. ये नवाब थे अवध के नवाब मोहम्मद वाजिद अली शाह. करीब 200 साल पहले जब अवध के नवाब के बेटे की बहुत तबियत हुई तो उनकी बेगम बहुत दुखी हो गईं. कई नामी-गिरामी वैद्यों ने इलाज किया लेकिन बेटा ठीक ही नहीं हुई. तब किसी ने उन्हें सलाह दी कि वे अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में जाकर मंगलवार के दिन भगवान हनुमान से दुआ करें.
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बेगम ने ऐसा ही किया और हनुमान मंदिर जाकर अपने बेटे की अच्छी सेहत के लिए मन्नत मांगी. बस, कुछ ही समय में बेटे की तबियत ठीक होने लगी. जब बेटा ठीक हो गया तो नवाब और उनकी बेगम ने इस पुराने हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया. साथ ही भंडारा करवाया. इसके बाद से ही लखनऊ के हर कोने में बड़े मंगल के दिन भंडारे होने लगे. तब से ही यह परंपरा जारी है. बड़ा मंगल के दिन लोग व्रत रखते हैं, बजरंगबली को चोला चढ़ाते हैं, पूजा-पाठ करते हैं. साथ ही भंडारा करवाते हैं.
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