Pitra Dosh Remedy: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह वर्ष का पहला महीना होता है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है. होली के बाद चैत्र माह का आरंभ होता है और यह महीना भारतीय संस्कृति में अनेक महत्वपूर्ण त्योहारों और आध्यात्मिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है. इस महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इसे सृष्टि की उत्पत्ति का पावन समय माना जाता है. इसके अलावा इस माह में सूर्य देव की पूजा और पितृ दोष से मुक्ति के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं.
कैसे उत्पन्न होता है पितृ दोष?
पितृ दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्मा अशांत होती है या वे तृप्त नहीं होते. इससे जीवन में विभिन्न प्रकार की परेशानियां, जैसे आर्थिक तंगी, विवाह में बाधा, संतान सुख में रुकावट, और मानसिक अशांति हो सकती है. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए निम्नलिखित 5 अचूक उपाय किए जा सकते हैं.
पितरों का श्राद्ध और तर्पण करें
पितृ दोष निवारण के लिए सबसे प्रभावी उपाय पितरों का तर्पण और श्राद्ध करना है. प्रत्येक अमावस्या, पितृ पक्ष (श्राद्ध पक्ष) या विशेष तिथियों (पिता/पूर्वजों की मृत्यु तिथि) पर पिंडदान और तर्पण करें. गंगा जल या किसी पवित्र नदी में जल अर्पित करते हुए पितरों की शांति की प्रार्थना करें. जरूरतमंदों को भोजन और दान दें.
पीपल के वृक्ष की पूजा करें
पीपल के वृक्ष में पितृ देवताओं का वास माना जाता है. हर शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें. सरसों के तेल का दीपक जलाएं और "ॐ पितृदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें. गुड़ और काले तिल का अर्पण करें.
गौ सेवा और ब्राह्मण भोज कराएं
गाय को हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है, और गौ सेवा से पितृ दोष का निवारण संभव है. गाय को हरा चारा, रोटी और गुड़ खिलाएं. श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराकर आशीर्वाद लें. जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान दें.
महामृत्युंजय और पितृ दोष निवारण मंत्र का जाप करें
विशेष मंत्रों का जाप करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होते हैं. महामृत्युंजय मंत्र: "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥"
पितृ दोष निवारण मंत्र: "ॐ पितृभ्यः नमः". इन मंत्रों का प्रतिदिन या विशेष रूप से अमावस्या पर जाप करें.
गरीब और अनाथ बच्चों की मदद करें
पितृ दोष से मुक्ति पाने का सबसे सरल और प्रभावी उपाय जरूरतमंदों की सेवा करना है. अनाथ बच्चों, गरीब विद्यार्थियों को भोजन, कपड़े, किताबें और धन का दान करें. कुएं, तालाब या मंदिर में जल का दान करें. गायों और पक्षियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)