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Chaitra Navratri 2024 5th Day: मां दुर्गा का पांचवा स्वरूप हैं मां स्कंदमाता, नवरात्रि के पांचवे दिन ऐसे करें पूजा

Chaitra Navratri 2024 5th Day Puja Vidhi: नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख, मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा दुश्मनों से भी छुटकारा मिलता है. 

Chaitra Navratri 2024 5th Day: मां दुर्गा का पांचवा स्वरूप हैं मां स्कंदमाता, नवरात्रि के पांचवे दिन ऐसे करें पूजा
Gurutva Rajput|Updated: Apr 12, 2024, 04:50 PM IST
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Maa Skandmata Puja: चैत्र नवरात्रि का त्योहार माता दुर्गा को समर्पित होता है. नवरात्रि के 9 दिन माता के 9 स्वरूपों की पूजा करने का विधान है. कल यानी 13 अप्रैल को नवरात्रि का पांचवा दिन है. इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख, मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा दुश्मनों से भी छुटकारा मिलता है. आइए जानते हैं नवरात्रि के पांचवे दिन कौन सी आरती, मंत्र का जाप करना चाहिए.

 

मां स्कंदमाता का पूजन मंत्र (Maa Skandmata Mantra)

- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नम:।

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

 

मां स्कंदमाता की आरती (Maa Skandmata Aarti Lyrics)
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
सब के मन की जानन हारी। जग जननी सब की महतारी।।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं। हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।।
कई नामों से तुझे पुकारा। मुझे एक है तेरा सहारा।।
कही पहाड़ो पर हैं डेरा। कई शहरों में तेरा बसेरा।।
हर मंदिर में तेरे नजारे। गुण गाये तेरे भगत प्यारे।।
भगति अपनी मुझे दिला दो। शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।।
इंद्र आदी देवता मिल सारे। करे पुकार तुम्हारे द्वारे।।
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आएं। तुम ही खंडा हाथ उठाएं।।
दासो को सदा बचाने आई। भक्त की आस पुजाने आई।।

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पूजा विधि (Chaitra Navratri 5th Day Puja Vidhi)
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने का विधान हैं. इस दिन सुबह स्नान करके, साफ-सुथरे पीले कपड़े पहनें. इसके बाद माता रानी को अक्षत, धूप, फूल, फल, बताशा, पान अन्य चीजें अर्पित करें. इसके बाद माता के सामने घी का दीपक जलाएं. इसके बाद आरती-मंत्रों के साथ विधि विधान से पूजा करें. फिर माता का प्रिय भोग केला अर्पित करें.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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