trendingNow12175032
Hindi News >>धर्म
Advertisement

Mata Sita के श्राप से आज भी यूपी के 700 गांव में नहीं होती चने की खेती, जानें क्या है कारण

Mata Sita Shrap ki Kahani: उत्तर प्रदेश में एक नहीं बल्की ऐसे 700 गांव हैं जहां लोग चने की खेती तो करते हैं लेकिन उपज नहीं होती है. ये किदवंती या फिर सच्चाई इसका दावा कोई नहीं करता है लेकिन यहां चने की खेती नहीं की जाती है. 

Mata Sita के श्राप से आज भी यूपी के 700 गांव में नहीं होती चने की खेती, जानें क्या है कारण
Gurutva Rajput|Updated: Mar 26, 2024, 05:04 PM IST
Share

Mata Sita Shrap: उत्तर प्रदेश में एक नहीं बल्की ऐसे 700 गांव हैं जहां लोग चने की खेती तो करते हैं लेकिन उपज नहीं होती है. ये किदवंती या फिर सच्चाई इसका दावा कोई नहीं करता है लेकिन यहां चने की खेती नहीं की जाती है. बता दें कि हर्रैया तहसील क्षेत्र के 700 गांवों में चने की खेती नहीं होती है. स्थानीय लोगों के मुताबिक इसके पीछे का कारण माता सीता का दिया हुआ श्राप है. आइए जानते हैं माता सीता ने क्यों ऐसा श्राप दिया था.

 

...जब अयोध्या लौट रही थी माता सीता
पौराणिक कथाओं के अनुसार हर्रैया तहसील क्षेत्र में त्रेता युग से ही चने की खेती नहीं होती है. इसके लिए ये कहानी प्रचलित है कि जब भगवान राम माता सीता के साथ जनकपुर से अयोध्या लौट रही थी, तब वह एक खेत से होकर गुजरी थी. उस खेत में चने की फसल हाल ही में काटी गई थी. लेकिन चने के खूंट खेत में ही पड़ी ही रह गई थी.

 

माता सीता ने दिया ये श्राप
कथाओं के अनुसार जब माता सीता वहां से जा रही थीं तो उनके पैर में चने की खूंटी पैर में चुभ गई थी. इसके कारण उन्हें बहुत देर तक दर्द सहना पड़ा था. इसके कारण उनका मन दुखी होगया और श्राप दे दिया. माता सीता ने श्राप दिया कि इस स्थान पर कभी भी चने की खेती नहीं होगी और जो भी चने की खेती करेगा उसको अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे.

 

यह भी पढ़ें: Rahu Upay: राहु बिगड़ने से हो जाती है गंभीर बीमारियां, दवा भी रहती हैं बेअसर, जानें राहु शांति के उपाय

 

इन जगहों पर नहीं होती खेती
स्थानीय लोगों के मुताबिक वहां पर तभी से चने की खेती नहीं की जाती है. वहीं अगर कोई चने की खेती करने की कोशिश करता है तो उपज नहीं होती है या फिर उस इंसान के साथ कुछ न कुछ गलत जरूर हो जाता है. इस कारण से यहां पर चने की खेती करना अशुभ भी माना जाता है. लोगों की माने तो मनोरमा और सरयू नदी के किनारे बसे 700 गांवों के अलावा सभी जगह चने की खेती हो सकती है.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Read More
{}{}