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Mokshada Ekadashi 2023: मोक्षदा एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये काम, वरना नहीं मिलेगी जीवन में कभी सफलता

Mokshada Ekadashi: लेकिन क्या आपको पता इस दिन कई ऐसे कार्य होते हैं जिनको करने से भगवान विष्णु आप पर क्रोधित हो सकते हैं जिससे जीवन में समस्याएं पैदा होती हैं. चलिए जानते हैं मोक्षदा एकादशी के दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं.

Mokshada Ekadashi 2023: मोक्षदा एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये काम, वरना नहीं मिलेगी जीवन में कभी सफलता
Pooja Attri|Updated: Dec 14, 2023, 11:43 AM IST
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Mokshada Ekadashi 2023 Importance: सनातन धर्म में एकादशी को बेहद शुभ दिन माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशी आती हैं. मोक्षदा एकादशी इस साल की आखिरी एकादशी है. इस बार मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानि कि 22 दिसंबर को पड़ रही है. एकादशी का दिन श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है जो व्यक्ति इस दिन भक्तिभाव से पूजा-अर्चना और व्रत करता है उससे भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न रहते हैं. लेकिन क्या आपको पता इस दिन कई ऐसे कार्य होते हैं जिनको करने से भगवान विष्णु आप पर क्रोधित हो सकते हैं जिससे जीवन में समस्याएं पैदा होती हैं. चलिए जानते हैं मोक्षदा एकादशी के दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं.

क्या करें मोक्षदा एकादशी के दिन 
1. इस दिन आप सबसे पहले सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर श्रीहरि विष्णु का पूजन करें. 
2. इसके बाद आप तुलसी को जल चढ़ाकर परिक्रमा करें. 
3. एकादशी वाले दिन गरीबों को दान करना बेहद शुभ माना जाता है. 
4. आपको एकादशी वाले दिन भजन-कीर्तन अवश्य करना चाहिए. 
5. एकादशी उपवास के दौरान दिनभर कुछ न खाएं या फिर मात्र फलाहार करें. 

क्या न करें मोक्षदा एकादशी के दिन 
1. एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें. 
2. एकादशी के दिन भूलकर भी बाल और नाखुन न काटें.
3. अगर आप एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो सुबह देर तक न सोएं.
4. एकादशी के शुभ दिन पर आप चोरी, गुस्सा और हिंसा करने से बचें. 
5. एकादशी के वाले दिन आपको फूल और पेड़ की पत्ती तोड़ने की भी मनाही होती है. 

मोक्षदा एकादशी का महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति पूरे भक्तिभाव से एकादशी का पूजन और व्रत करता है उस पर भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मोक्षदा एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु ने अपने प्रिय शिष्य अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है. जो व्यक्ति इस दिन गीता का पाठ पढ़ता या सुनता है उसको शुभ फल मिलता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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