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Guru Purnima 2025: 10 जुलाई को है गुरु पूर्णिमा पर्व, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Guru Purnima 2025 Date: सनातन धर्म में गुरु और शिष्य की परंपरा पुरानी है. इस आदरपूर्ण संबंध के लिए एक पर्व भी मनाया जाता है जिसका नाम हैं  गुरु पूर्णिमा. आइए इस दिन की पूजा विधि जानें.

Guru Purnima 2025
Guru Purnima 2025
Padma Shree Shubham|Updated: Jul 09, 2025, 05:56 PM IST
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Guru Purnima 2025 Kab Hai: आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि अति शुभ मानी गई है. इस तिथि पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और वेद व्यास जयंती के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन गुरु पूजन और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने का विशेष महत्व है. आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर ही महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ, ऐसे इस तिथि को गुरु पूर्णिमा तिथि के रूप में मनाया जाता है क्योंकि महर्षि वेदव्यास गुरु के रूप में भी प्रसिद्ध हैं. आइए जानें गुरु पूर्णिमा की सही डेट, पूजा मुहूर्त और पूजा विधि क्या है. 

गुरु पूर्णिमा 2025 तिथि और संयोग (Guru Purnima 2025 Tithi)
वैदिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई को रात 01 बजकर 37 मिनट पर शुरू हो रही है और 11 जुलाई को रात 02 बजकर 07 मिनट पर तिथि का समापन हो रहा है. इस तरह गुरु पूर्णिमा का पर्व उदया तिथि में 10 जुलाई को मनाया जाएगा. गुरु पूर्णिमा, गुरुवार को है और इस दिन गुरु बृहस्पति और सूर्य की युति मिथुन राशि में हो रही है जिससे गुरु आदित्य राजयोग बन रहा है जिससे लाभ ही लाभ के रास्ते खुलेंगे.

गुरु पूर्णिमा 2025 पूजा मुहूर्त (Guru Purnima 2025 Puja Shubh Muhurat)
ब्रह्रा पूजा मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 10 मिनट से लेकर 4 बजकर 50 मिनट तक.
अभिजीत पूजा मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक.
विजय मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से लेकर 3 बजकर 40 मिनट तक.
गोधूलि मुहूर्त में शाम 7 बजकर 21 मिनट से लेकर 7 बजकर 41 मिनट तक.

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि (Guru Purnima 2025 Puja Vidhi)
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्द उठें और स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें. 
पूजा घर में विराजित सभी देवी-देवताओं को प्रणाम करें. 
महर्षि वेदव्यास का ध्यान करें और उन्हें प्रमाण करें
यदि आपके गुरु हैं तो उनके चरणों में प्रणाम करें और उनका आशीर्वाद लें. 
अब गुरुवार दिन के अनुार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें. 
इस दिन गाय की पूजा व सेवा करें और दान कर अक्षय पुण्य प्राप्त करें.

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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