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Hanuman Puja Vidhi: हनुमान जन्मोत्सव पर 17 घंटे का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा-विधि, मंत्र, भोग और आरती

Hanuman Janmotsav 2025 Puja Vidhi Mantra Bhog Aarti: हनुमान जन्मोत्सव पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. आइए जानते हैं कि हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या है, पूजन विधि क्या है, मंत्र भोग और आरती क्या है. 

Hanuman Puja Vidhi: हनुमान जन्मोत्सव पर 17 घंटे का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा-विधि, मंत्र, भोग और आरती
Dipesh Thakur|Updated: Apr 12, 2025, 07:11 AM IST
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Hanuman Janmotsav 2025 Puja Vidhi Mantra Bhog Aarti: हनुमान जन्मोत्सव का पर्व पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, मनुष्य रूप में हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसलिए यह दिन हनुमानजी की उपासना के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है. यह दिन पवनपुत्र हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जब भक्त विशेष पूजन कर बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी की पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त क्या है, पूजन-विधि क्या है, मंत्र और भोग और आरती क्या है. 

हनुमान जन्मोत्सव 2025 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार इस साल हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान जी की पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में पूजा करना बेहद फलदायी साबित होगा. हालांकि, आज हनुमानजी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजे से लेकर रात 9 बजे तक है. ऐसे में आज हनुमान जी की पूजा के लिए 17 घंटे का शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है. आप अपनी सुविधा के अनुसार, शुभ मुहूर्त में हनुमान जी की उपासना कर सकते हैं. 

हनुमान जन्मोत्सव 2025 पूजा विधि

हनुमान जयंती के दिन भक्त हनुमान जी के साथ श्रीराम और माता सीता की भी पूजा करते हैं. सुबह स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें. हनुमान जी को सिंदूर, लाल फूल, तुलसी दल, चोला और बूंदी के लड्डू का भोग अर्पित करें. इसके बाद "ॐ हं हनुमते नमः" जैसे मंत्रों का जप करें. इसके बाद हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें. अंत में आरती करें और प्रसाद सभी को वितरित करें. 

हनुमान जी को अर्पित करें ये भोग

हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए इन चीजों का भोग लगाना विशेष फलदायी माना जाता है. ऐसे में आप हनुमान जी को पान, गुड़ और चना, नारियल, केला, केसर युक्त मीठा चावल, खीर, जलेबी इत्यादि चीजें अर्पित कर सकते हैं.

हनुमान जी के चमत्कारी मंत्र 

ॐ हं हनुमते नमः

ॐ हं पवन नन्दनाय स्वाहा

ॐ नमो भगवते हनुमते नमः

ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट

ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय ठं ठं ठं ठं ठं सकल शत्रु संहारणाय स्वाहा

अंजनी गर्भ संभूताय कपीन्द्र सचिवोत्तम रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमान रक्ष रक्ष सर्वदा

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता

फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा, हनुमत वचन जुग-जुग सांचा.

हनुमान जी की आरती 

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे।

रोग दोष जाके निकट न झांके।

अंजनि पुत्र महाबलदायी।

संतान के प्रभु सदा सहाई।।

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए।

लंका जारी सिया सुधि लाए।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई।

जात पवनसुत बार न लाई।

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

लंका जारि असुर संहारे।

सियारामजी के काज संवारे।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।

आनि संजीवन प्राण उबारे।

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

पैठी पाताल तोरि जमकारे।

अहिरावण की भुजा उखारे।

बाएं भुजा असुरदल मारे।

दाहिने भुजा संत जन तारे।

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें।

जय जय जय हनुमान उचारें।

कंचन थार कपूर लौ छाई।

आरती करत अंजना माई।

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई।

तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।

जो हनुमानजी की आरती गावै।

बसी बैकुंठ परमपद पावै।

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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