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हनुमानजी के पास कहां से आई अष्ट सिद्धि और नव निधि, जानें उनकी शक्तियों का रहस्य!

Hanuman Janmotsav 2025: हनुमानजी के पास आठ सिद्धियां और नव निधियां थीं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दिव्य शक्तियां हनुमानजी को कहां से मिलीं.आइए जानते हैं कि हनुमान जी को क्यों कहते हैं अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता.

हनुमानजी के पास कहां से आई अष्ट सिद्धि और नव निधि, जानें उनकी शक्तियों का रहस्य!
Dipesh Thakur|Updated: Apr 09, 2025, 09:20 AM IST
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Hanuman Janmotsav 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब जीवन में मुश्किलें सिर उठाने लगती हैं और चारों ओर संकट के बादल घिर आते हैं, तब आशा की एक चमक के रूप में हमें सबसे पहले याद आते हैं संकटमोचन हनुमान। वे वह दिव्य ज्योति हैं जो मन में आत्मविश्वास की लौ बनकर जल उठते हैं. हनुमान जी केवल बल, बुद्धि और भक्ति के प्रतीक नहीं हैं- वे ऐसी दिव्य शक्तियों के स्वामी हैं जो अपने भक्तों के हर दुख को हरने का सामर्थ्य रखते हैं. उन्हें अष्ट सिद्धियों और नव निधियों का दाता कहा गया है. अब जब हनुमान जन्मोत्सव आने वाली है तो ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर हनुमान जी के पास अष्ट सिद्धियां और नव निधियां कहां से आईं और उनकी शक्ति का क्या रहस्य है.

अष्ट सिद्धियों के स्वामी हैं बजरंगबली

हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी ने जो लिखा है, वह केवल भक्ति नहीं बल्कि आध्यात्मिक सत्य है- “अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता”. जब हनुमान जी माता सीता से अशोक वाटिका में मिले, तब उन्होंने उन्हें यह आशीर्वाद दिया कि वे इन महान शक्तियों के स्वामी होंगे. अष्ट सिद्धियां वो आठ योगिक शक्तियां हैं, जिनका वर्णन प्राचीन ग्रंथों में मिलता है.

अणिमा- बहुत छोटा रूप धारण कर लेना

महिमा- बहुत विशाल बन जाना

गरिमा- भारी से भारी रूप में स्थित होना

लघिमा- अत्यंत हल्का हो जाना

प्राप्ति- इच्छानुसार किसी भी वस्तु को प्राप्त कर लेना

प्राकाम्य - मनचाही जगह पर पहुंच जाना

ईशित्व- सर्वत्र अधिकार होना

वशित्व- सब पर नियंत्रण प्राप्त होना

नव निधियां

हनुमान जी को केवल सिद्धियों का स्वामी नहीं, बल्कि नव निधियों का भी दाता कहा गया है. ये निधियां सिर्फ धन-संपत्ति की प्रतीक नहीं, बल्कि गहराई से जुड़ी चेतना और प्रकृति के रहस्य हैं.

पद्म

महापद्म

शंख

मकर

कच्छप

मुक्ता

कुंद

नील

खर्व

इन निधियों में जल, पृथ्वी, आकाश, और चेतना के तत्त्व समाहित हैं. हनुमान जी इन रहस्यों को जानते हैं और अपने भक्तों के कल्याण हेतु इनका उपयोग भी करते हैं.

माता सीता का दिया अद्भुत वरदान

जब हनुमान जी माता सीता की खोज में अशोक वाटिका पहुंचे, तब उन्होंने लघिमा सिद्धि का प्रयोग कर अपना रूप छोटा किया. इस भेंट के दौरान माता सीता ने उन्हें यह अद्भुत वरदान दिया.

यह वरदान उन्हें सिर्फ संकट से मुक्त करने वाला देवता नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और भौतिक संसार के बीच सेतु बना देता है. हनुमान जी की पूजा करने वाला भक्त न केवल भय से मुक्त होता है, बल्कि जीवन को एक नई दिशा में बढ़ाता है. 

सुख-समृद्धि के लिए खास है हनुमान जंयती

इस हनुमान जयंति जब आप पूजा करें, तो यह समझें कि यह अवसर केवल संकट से छुटकारा पाने के लिए नहीं है. यह शक्ति, ज्ञान, भक्ति और समृद्धि को आमंत्रित करने का एक मार्ग है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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