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होली कब है? होलिका दहन के लिए मिल रहे बस कुछ मिनट, जानें शुभ मुहूर्त

Holi 2025 Date: मथुरा-वृंदावन में 40 दिन के होली उत्‍सव की शुरुआत हो गई है. आप भी जान लीजिए साल 2025 में होली कब है और होलिका दहन कब होगा?

होली कब है? होलिका दहन के लिए मिल रहे बस कुछ मिनट, जानें शुभ मुहूर्त
Shraddha Jain|Updated: Feb 03, 2025, 02:34 PM IST
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Holika Dahan 2025 date and Time: रंगों का त्‍योहार होली हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. पूर्णिमा की रात को होलिका दहन करते हैं और फिर उसके अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है. तरह-तरह के पकवान खाए जाते हैं. इसे अधर्म पर धर्म की जीत के तौर पर मनाया जाता है. पिछले साल की तरह इस साल भी लोगों को होलिका दहन और होली खेलने की तारीख को लेकर कुछ कंफ्यूजन हो रहा है. जानिए होली की सही तारीख और होलिका दहन की तारीख व शुभ मुहूर्त.

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कब होगा होलिका दहन?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च, 2025 की सुबह 10:25 बजे से शुरू हो रही है और 14 मार्च, 2025 की दोपहर 12:23 बजे समाप्‍त हो रही है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, होलिका दहन 13 मार्च को होगा. वहीं होलिका दहन के लिए शुभ मुहुर्त 13 मार्च की रात 11:26 बजे से लेकर रात 12:30 बजे तक रहेगा. यानी कि इस साल होलिका दहन के लिए देर रात 64 मिनट या करीब 1 घंटे का ही समय मिलेगा.

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होली कब है?

13 मार्च की देर रात होलिका दहन होने के बाद अगले दिन 14 मार्च को होली मनाई जाएगी. इसे धुलेड़ी पर्व कहते हैं. जब लोग अबीर-गुलाल लगाकर होली का पर्व मनाते हैं.

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क्यों मनाई जाती है होली?

होलिका दहन और होली पर्व मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है. इसके अनुसार, प्राचीन समय में असुर राजा हिरण्यकश्यप का बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु का अनन्‍य भक्त था. यह बात हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं था. तब उसने अपने बेटे प्रहलाद को मारने के लिए कई प्रयत्‍न किए लेकिन हर बार भगवान ने उसकी रक्षा की प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुआ.

तब राजा हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से प्रहलाद को मारने के लिए उसे अग्नि में जलाने के लिए कहा. दरअसल, होलिका को ब्रह्मा जी का वरदान था कि आग उसे जला नहीं सकती. ऐसे में होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर लकड़ियों के ढेर पर बैठ गई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से होलिका जल जाती है और प्रहलाद बच जाता है. तब से हर साल अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में होलिका दहन किया जाता है.

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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