trendingNow12603274
Hindi News >>धर्म
Advertisement

कलयुग में जल्द ही धरती से स्वर्गलोक लौट जाएंगी मां गंगा, पुराणों में बताया गया है समय-साल

When Ganga Return From Earth: वेदों और पुराणों में इस बात का उल्लेख है कि कलयुग में जल्द ही मां गंगा धरती से स्वर्गलोग वापस लौट जाएंगी. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं. 

कलयुग में जल्द ही धरती से स्वर्गलोक लौट जाएंगी मां गंगा, पुराणों में बताया गया है समय-साल
Dipesh Thakur|Updated: Jan 16, 2025, 07:48 AM IST
Share

When Ganga Return From Earth: सनातन धर्म में गंगा को सिर्फ एक नदी के रूप में नहीं, बल्कि देवी के रूप में पूजनीय और पवित्र माना गया है. यही वजह है कि गंगा को श्रद्धापूर्वक गंगा माता कहकर पुकारा जाता है. धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की कथा का उल्लेख मिलता है. इसके साथ ही पुराणों में इस बात का भी जिक्र है कि गंगा माता कब पृथ्वी को छोड़कर स्वर्गलोक को वापस लौटेंगी. ऐसे में आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं. 

कैसे हुआ गंगा माता का पृथ्वी पर आगमन?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, गंगा माता का धरती पर आगमन राजा भगीरथ की कठोर तपस्या के कारण हुआ था. कथा के अनुसार, राजा भगीरथ अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने की कामना रखते थे. जिसको लेकर उन्होंने हिमालय में जाकर कठोर तप किया. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने गंगा को अपने कमंडल से मुक्त कर दिया. हालांकि, गंगा की वेग इतनी तीव्र थी कि उससे पृथ्वी का विनाश हो सकता था. ऐसे में गंगा की गति को धीमी करने के के लिए शिवजी ने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया और फिर धीरे-धीरे धरती पर प्रवाहित किया. 

मां गंगा कब लौट जाएंगी स्वर्गलोक 

देवी भागवत पुराण में गंगा माता के स्वर्गलोक लौटने का वर्णन मिलता है. इसमें भगवान विष्णु ने नारद मुनि को बताया कि कलयुग के 5000 साल बीतने के बाद जब धरती पर पाप और अधर्म बहुत अधित बढ़ जाएगा तो धर्म का पतन हो जाएगा. तब मनुष्यों का हृदय लोभ, लालच और वासना से भर जाएगा. इतना ही नहीं, तब गंगा में स्नान करने से भी कोई पुण्य प्राप्त नहीं होगा. ऐसे में गंगा माता पृथ्वी से रूठ जाएंगी और स्वर्गलोक वापस चली जाएंगी.

घरती से कैसे विलुप्ल हो जाएंगी मां गागा

यह बात तो हर कोई जानता है कि गंगा नदी गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है, जिसका अंतिम छोर गोमुख ग्लेशियर के नाम से जाना जाता है. इस वक्त  यह ग्लेशियर धीरे-धीरे पिघलता और सिकुड़ता जा रहा है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह इस बात का संकेत है कि भविष्य में गंगा का प्रवाह खत्म हो सकता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मनुष्य जाति के पाप बढ़ने के कारण ही सरस्वती और पद्मा नदियां पहले ही धरती से विलुप्त होकर स्वर्गलोक चली गईं. यही स्थिति गंगा के साथ भी हो सकती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Read More
{}{}