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15 दिसंबर तक चलेगा गीता जयंती समारोह, ये रहा कार्यक्रम का पूरा विवरण

Gita Jayanti 2024: कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता जंयती महोत्सव का समापन 15 दिसंबर को होगा. बता दें कि इस बार अतंर्राष्ट्रीय गीता जयंती का आरंभ 28 नवंबर को हुआ था. 

15 दिसंबर तक चलेगा गीता जयंती समारोह, ये रहा कार्यक्रम का पूरा विवरण
Updated: Dec 05, 2024, 01:27 PM IST
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Gita Jayanti 2024: भगवद गीता जयंती समारोह के रूप में संदर्भित, गीता महोत्सव इस पवित्र ग्रंथ के सभी भक्तों द्वारा दुनिया भर में 'श्रीमद्भगवद्गीता' के जन्म का स्मरण करता है. भगवद्गीता में भगवान कृष्ण का अमूल्य उपदेश समाहित है, जो उन्होंने लगभग 5152 वर्ष पहले महाभारत के 18 दिवसीय युद्ध के प्रथम दिन कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल पर अर्जुन को दिया था. कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और हरियाणा पर्यटन द्वारा आयोजित गीता महोत्सव का उद्देश्य भगवद् गीता की शिक्षाओं को बढ़ावा देना है. वर्ष 2016 में हरियाणा सरकार ने गीता जयंती को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया. चूंकि, इस दिन कुरुक्षेत्र में दो मिलियन से अधिक पर्यटक आते थे, जो इस क्षेत्र में गीता जयंती समारोह के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, इसलिए हरियाणा सरकार ने इसे वार्षिक उत्सव बना दिया.

गीता महोत्सव 2024: तिथि और मेजबान शहर

गीता महोत्सव पारंपरिक हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह (नवंबर-दिसंबर) के शुक्ल पक्ष के 11वें दिन मनाया जाता है. यह मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष एकादशी का दिन है. इस साल गीता महोत्सव 28 नवंबर से चल रहा है. जबकि, 15 दिसंबर को कुरुक्षेत्र में इसका समापन होगा.

गीता महोत्सव 2024: कार्यक्रम विवरण

यह उत्सव मुख्य रूप से कुरुक्षेत्र के एक महत्वपूर्ण स्थल ब्रह्म सरोवर में आयोजित किया जाता है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र युद्ध के दौरान अर्जुन को भगवद् गीता का उपदेश दिया था.

गीता महोत्सव 2024: समारोह

गीता जयंती समारोह कुरुक्षेत्र का एक लोकप्रिय मेला है, जिसमें यज्ञ, गीता पाठ, भजन, आरती, नृत्य और नाटक जैसी विभिन्न गतिविधियां शामिल होती हैं. यह आयोजन पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है, तथा विद्वानों और हिंदू पुजारियों द्वारा मानव जाति पर पवित्र पुस्तक के प्रभाव पर चर्चा और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं. इसके अतिरिक्त, बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच नाटक और गीता जप प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं तथा जनता को गीता का सार बताने वाले पर्चे, पुस्तिकाएं और पुस्तकें वितरित की जाती हैं.

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