Jagannath Mandir Secret: चार धाम में से एक और रहस्यों से भरे जगन्नाथ मंदिर (Jagganath Mandir) हिंदुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है. यह मंदिर अपने चमत्कारों और अपने रहस्यों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. पुराणों जगन्नाथ को धरती का बैकुंठ रूप में वर्णित किया गया है. जगन्नाथ मंदिर में भगवान विष्णु के द्वापर युग के अवतार श्री कृष्ण विराजमान हैं और उनके साथ उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा भी स्थापित हैं. माना जाता है कि जो भी भक्त भगवान जगन्नाथ के दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन के सभी पाप कट जाते हैं. जहां तक रहस्यों की बात है तो जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी से जुड़ा रहस्य भी लोगों को बहुत हैरान करता है. आइए इस बारे में विस्तार से जानें.
जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी की कथा और रहस्य (What Is The Secret Of The Third Step Of Jagannath Temple)
जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी से जुड़े रहस्य को जानने के लिए एक कथा जाननी होगी. दरअसल, ऐसी मान्यता है कि जो लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते थे वे पापों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति कर लेते थे. ऐसे में कोई भी यम लोक या स्वर्ग लोग या नर्क नहीं जा पाता था. ऐसा होता देख यमलोग के राजा और सूर्यपुत्र यमराज भगवान जगन्नाथ के शरण में गए और उनसे अपनी दुविधा बतायी. यमराज ने को बताया कि भगवन जगन्नाथ आपने पाप मुक्ति का ये जो सरल उपाय बताया है इससे लोग मात्र आपके दर्शन पाकर ही आसानी से पाप से मुक्ति प्राप्त कर रहे है और कोई भी जीवात्मा यमलोक नहीं आ रहा है. यमराज जी की इस बात को सुनकर भगवान जगन्नाथ ने उन्हें उनकी समस्या का हल बताया. भगवान ने मंदिर के मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी पर यमराज को स्थान ग्रहण करवाया, इस तरह जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर यमराज का वास हो गया जिसे आज 'यम शिला' के रूप पहचाना जाता है. भगवान जगन्नाथ ने यमराज को ये भी बताया कि जो भक्त मेरे दर्शन के बाद इस शिला पर पैर रख देगा उसके सभी पुण्य क्षीर्ण हो जाएंगे और उसे यमलोक जाना ही होगा. ऐसे में इस तीसरी सीढ़ी पर कोई भी अपने पैर नहीं रखता है.
इन बातों का रखें खास ध्यान
जगन्नाथ मंदिर के मुख्य द्वार से जब भी प्रवेश करें नीचे से तीसरी सीढ़ी ही यमशिला है.
मंदिर में दर्शन करने के लिए प्रवेश करते हुए उस तीसरी सीढ़ी पर पैर न पड़े और लोटते हुए भी पैर न पड़े इसका ध्यान रखें.
यम शिला की पहचान यह है कि यह शिला काले रंग की है और सभी सीढ़ियों से इसका रंग मिलता नहीं है.
(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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