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भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों में क्यों धड़कता है श्रीकृष्ण का दिल, खुल गया इस रहस्य का राज

Lord Jagannath Idols Mystery: क्या आप जानते हैं कि भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों में आज भी श्रीकृष्ण का दिल क्यों धड़कता है और इसके पीछे का रहस्य क्या है. अगर नहीं, तो आइए जानते हैं कि आखिर भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों में श्रीकृष्ण का दिल क्यों धड़कता है.  

भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों में क्यों धड़कता है श्रीकृष्ण का दिल, खुल गया इस रहस्य का राज
Dipesh Thakur|Updated: Jun 19, 2025, 02:23 PM IST
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Jagannathji Ki Rath Yatra 2025: उड़ीसा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर अपने भीतर कई रहस्य और चमत्कार समेटे हुए है. यह मंदिर केवल एक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि अद्भुत रहस्यों और चमत्कारों की जीवित मिसाल भी है. यहां की परंपराएं, मूर्तियों का रहस्य, मंदिर का ध्वज और हर साल भगवान का बीमार होना-इन सबमें गहरे रहस्य छिपे हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आज भी भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों में श्रीकृष्ण का दिल क्यों धड़कता है और इसके पीछे का रहस्य क्या है.

राजा इंद्रद्युम्न के स्वप्न का कनेक्शन

पौराणिक मान्यता है कि प्राचीन काल में मालवा के राजा इंद्रद्युम्न को एक रात स्वप्न आया. सपने में श्रीकृष्ण ने आदेश दिया कि उनकी मूर्ति नीम की लकड़ी से बनाई जाए. इस आदेश के बाद ही राजा ने जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया. इस मंदिर में विराजमान मूर्तियां साधारण पत्थर या धातु से नहीं बनीं, बल्कि विशेष नीम के वृक्ष से तैयार की गई हैं. यह परंपरा आज भी निभाई जाती है.

आज भी क्यों धड़कता है श्रीकृष्ण का दिल

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर अपना शरीर त्यागा था, तो उनका अंतिम संस्कार हुआ. उनके शरीर के सारे अंग पंचतत्व में विलीन हो गए, लेकिन उनका दिल नष्ट नहीं हुआ. यह भी माना जाता है कि यही हृदय आज भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर सुरक्षित है और आज भी धड़कता है.

हर 12 साल में बदलती हैं मूर्तियां

जगन्नाथ मंदिर में हर 12 साल में मूर्तियों का नवीनीकरण किया जाता है. इस प्रक्रिया को ‘नवकलेवर’ कहा जाता है. इस दौरान पुरानी मूर्तियों से एक रहस्यमय ‘ब्रह्म पदार्थ’ निकाला जाता है और उसे नई मूर्तियों में स्थापित कर दिया जाता है.

क्यों चली जाती है आंखों की रोशनी?

पुजारियों के अनुसार, इसे हाथ में लेने पर ऐसा महसूस होता है जैसे कोई उछलता हुआ जीव उनकी हथेलियों पर दौड़ रहा हो. इस ब्रह्म तत्व को कोई देख नहीं सकता.  अगर कोई इसे देखने की कोशिश करता है तो उसकी मृत्यु हो सकती है, या आंखों की रोशनी चली जाती है. यही वजह है कि इसे स्थानांतरित करते समय पुजारी आंखों पर पट्टी बांधकर विशेष विधि से यह कार्य संपन्न करते हैं.

मूर्तियों की आंखें इतनी बड़ी क्यों हैं?

भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों में सबसे खास बात उनकी विशाल आंखें हैं. मान्यता है कि जब राजा इंद्रद्युम्न भगवान के दर्शन के लिए आए तो उनकी भक्ति देखकर भगवान इतने प्रसन्न हुए कि आश्चर्य और करुणा से उनकी आंखें फैल गईं. यही वजह है कि आज भी उनकी मूर्तियों की आंखें सामान्य से कई गुना बड़ी दिखाई देती हैं.

सिंह द्वार का रहस्य

जगन्नाथ मंदिर का सिंह द्वार भी रहस्य से भरा हुआ है. मंदिर के बाहर खड़े होने पर समुद्र की लहरों की आवाज कानों में गूंजती है, लेकिन जैसे ही आप मंदिर में प्रवेश करते हैं, यह आवाज अचानक गायब हो जाती है. यह एक ऐसा रहस्य है, जिसे विज्ञान भी आज तक पूरी तरह समझ नहीं पाया.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

 

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