What Not To Do On Ekadashi: हर माह में दो एकादशी पड़ती है एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में. माघ महीने में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को जया एकादशी के रूप में जाना जाता है. जय एकादशी व्रत रखने को बहुत महत्व दिया गया है. इस व्रत को ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू कर दिया जाता है और द्वादशी तिथि पर इसका पारण किया जाता है. जो लोग इस तिथि पर व्रत का संकल्प करते हैं और इस तिथि पर पूरे मन से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं उनके घर में सुख-समृद्धि का प्रवेश होता है. साथ ही भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है.
एकदशी से जुड़े नियम
आइए जानें कि जया एकादशी व्रत के दिन (Jaya Ekadashi 2025 Rules) क्या करें और क्या कतई न करें. इस तिथि से जुड़े नियमों के बारे में आइए विस्तार से जनते हैं.
जया एकादशी पर क्या करें? (Jaya Ekadashi 2025 Dos)
जया एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें.
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की जया एकादशी के दिन पूजा अर्चना करें.
जया एकादशी के दिन अगर व्रत का संकल्प किया है तो इसके नियमों का पालन विधिपूर्वक करें.
जया एकादशी के व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर ही करें.
जया एकादशी पर भोग व पूजा में तुलसी पत्र शामिल करें लेकिन इसे एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें.
जया एकादशी पर व्रत रखा है तो दिन में न सोएं.
इस दिन भजन-कीर्तन व श्री हरि के भजन करें, वैदिक मंत्रों के जाप भी कर सकते हैं.
जया एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए (Jaya Ekadashi 2025 Donts)
जया एकादशी पर तामसिक भोजन न करें.
जया एकादशी के दिन किसी को भी बुरा भला न कहें. किसी से भी बहस न करें. किसी को गाली न दें.
जया एकादशी के दिन चावल का सेवन न करें.
जया एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें और न तो पौधे में जल अर्पित करें, इस तिथि पर मां तुलसी निर्जला व्रत रखती हैं. तुलसी दल एक दिन पहले ही तोड़ लें.
जया एकादशी के दिन घर को साफ और व्यवस्थित रखें.
जया एकादशी कब है? (Jaya Ekadashi 2025 Date And Time)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 7 फरवरी 2025 को रात 09 बजकर 26 मिनट पर माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि प्रारंभ हो रही है. 8 फरवरी रात 08 बजकर 15 मिनट पर तिथि का समापन हो रहा है. इस तरह जया एकादशी का व्रत शनिवार, 8 फरवरी को उदया तिथि में रखा जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)