Kedarnath Badrinath Yatra 2024: हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का बड़ा महत्व है. हर व्यक्ति की कोशिश होती है कि वो अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार चार धाम यात्रा जरूर करे. हालांकि चार धाम यात्रा करना आसान नहीं है. केदारनाथ-बद्रीनाथ पहाड़ों पर होने के कारण और बर्फीले मौसम के चलते यहां पूरे साल यात्रा नहीं की जा सकती है. लिहाजा हर साल कुछ महीनों के लिए ही चार धाम यात्रा की अनुमति मिलती है. इस साल 10 मई से चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है. लोग बेसब्री से यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे अपने आराध्य के दर्शन करके पुण्य लाभ पा सकें.
10 मई से केदारनाथ धाम के होंगे दर्शन
केदारनाथ एक पवित्र तीर्थ स्थल है जहां भगवान शंकर का ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग स्थापित है. हर साल यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इस साल 10 मई से केदारनाथ मंदिर के पट खुलेंगे. केदारनाथ धाम के कपाट खुलते ही हर हर महादेव की गूंज से पूरा इलाका गुंजायमान हो जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में पांडवों ने केदारनाथ की यात्रा की थी. हर साल महाशिवरात्रि के दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की जाती है.
12 मई से खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट
वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे और इस दिन से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. हर साल बसंत पंचमी के दिन बद्रीनाथ धाम के पट खुलने की तारीख का ऐलान किया जाता है. वहीं गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खुलेंगे. हर साल राजमहल में पंचांग गणना के बाद बराज पुरोहित बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का मुहूर्त निकालते हैं. यह मुहूर्त पूर्व टिहरी नरेश महाराजा मनुज्येंद्र शाह की कुंडली के आधार पर तय होता है.
मुश्किल है केदारनाथ की यात्रा
गंगोत्री और बद्रीनाथ धाम की यात्रा सड़क माध्यम से आसानी से पूरी की जा सकती है. लेकिन यमुनोत्री और केदारनाथ यात्रा थोड़ी मुश्किल है. इसके लिए पैदल या खच्चर की सहायता से यात्रा करनी पड़ती है. केदारनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को सबसे ज्यादा पैदल चलना पड़ता है, केदारनाथ ट्रेक 18-20 किलोमीटर लंबा है. फिर भी हर साल लाखों की संख्या में भक्त केदारनाथ धाम की यात्रा करते हैं.