Laddu Gopal Travel Rule In Hindi: भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल को अबने बच्चे की तरह रखते हैं, जगाते हैं, स्नान करवाते हैं, भोग लगाते हैं, पूजा पाठ करते हैं. कुल मिलाकर जब हम लड्डू गोपाल को अपने घर में स्थान देते हैं तो उनसे जुड़े नियमों का भी पूरा पूरा ध्यान रखना होता है. भगवान की पूजा और सेवा बिल्कुल एक छोटे बच्चे की तरह रखा जाता है. हालांकि भक्त अपनी भक्ति और श्रद्धा में कुछ ऐसी चीजें भी कर जाते हैं जो उन्हें नहीं करना चाहिए, वहीं कुछ ऐसी चीजें भी कर जाते हैं जिसके बारे में पता ही नहीं होता की ऐसा करना भी चाहिए या नहीं. कई बार ऐसा होता है कि लोग लड्डू गोपाल की सेवा के नाम पर कुछ लोग उन्हें डलिया में लेकर जगह-जगह घूमते हैं, दूर दूर की यात्रा भी कर आते हैं. ऐसे में सवाल ये है कि ऐसा कर सकते हैं या नहीं? आइए इस बारे में विस्तार से जानें.
लड्डू गोपाल को बाहर ले जाने के पीछे मत
डलिया में बैठाकर लड्डू गोपाल को अपने साथ हर जगह बाहर ले जाने के पीछे दो मत है एक तो ये कि घर में बालक को अकेला नहीं छोड़कर जा सकते वैसे ही लड्डू गोपाल को भी घर में अकेला छोड़कर नहीं जा सकते है. लड्डू गोपाल को अपने साथ बाहर ले जानें का दूसरा मत ये है कि यह पूरी तरह से व्यक्ति की आस्था पर निर्भर करता है. आइए इस बारे में और जानें.
लड्डू गोपाल को बाहर न ले जाने के पीछे का कारण
शुद्धता की कमी
घर से बाहर अगर लड्डू गोपाल को न ले जाने का पहला कारण है शुद्धता. ध्यान दें कि ट्रेन, बस या गाड़ी से जब आप यात्रा करते हैं तो साफ-सफाई और शुद्धता नहीं बरकरार रह पाती है, बाथरूम जाना हो सकता है, खाना पीना जैसे कई कार्य करने होते हैं. चाहे हाथ-पैर और मुंह धो लें लेकिन घर जैसी शुद्धता नहीं रह पाती है. ऐसे में लड्डू गोपाल नाराज भी सकते हैं. इससे अच्छा होगा कि उन्हें उनके मंदिर या कक्ष में ही शुद्धता से रहने दिया जाए.
लड्डू गोपाल को बाहर न ले जाने के पीछे का दूसरा कारण
एक बार अगर लड्डू गोपाल को मंदिर में स्थापित किया तो उसके बाद वहीं उनकी सेवा आराधना करें. उन्हें उनके स्थान से नहीं हटाना चाहिए क्योंकि जब लड्डू गोपाल को घर में स्थान दिया जाता है तो उनके साथ रिद्धि-सिद्धि और अन्य देवी-देवता भी साथ ही आ जाते हैं. ऐसे में बार बार लड्डू गोपाल को बाहर ले जाने से रिद्धि सिद्धि भी जा सकती है. लड्डू गोपाल तो घर आ जाएंगे लेकिन रिद्धि सिद्धि एक बारे गई तो मुश्किल से आएंगी. ऐसा करना आपके घर के लिए अशुभ परिणाम दे सकते हैं. हां इतना जरूर कर सकते हैं कि लड्डू गोपाल को मंदिर में एक जगह से उठाकर कभी-कभी पालने में बैठाकर झूला झुला दें.
सेवा में रहता है अंतर
किसी कथावाचक या साधु-संत को आपने लड्डू गोपाल को साथ में लेकर चलते देखा होगा लेकिन ध्यान दें कि साधु-संत या कथावाचक कड़े नियमों का पालन करते हैं. सात्विक भोजन करते और लड्डू गोपाल को करवाते हैं. पूरी-पूरी सामग्री और रसोइया भी उनके साथ ही होता है. पूरी व्यवस्था के साथ वो लड्डू गोपाल को अपने साथ लेकर चलते हैं. लड्डू गोपाल को अपने साथ बाहर ले जानें के मामले में आपके और साधु संतों की परिस्थितियों में बहुत फर्क है. अब आप खुद ही तय करें की हर जगह अपने साथ लड्डू गोपाल को लेकर जाना सही है या गलत है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)