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Khichdi 2025: क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति? इस दिन खिचड़ी-दान का क्या है रहस्य

Khichdi 2025 Date: मकर संक्रांति पर खिचड़ी का विशेष महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं कि इस दिन खिचड़ी दान करना क्यों शुभ है.

Khichdi 2025: क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति? इस दिन खिचड़ी-दान का क्या है रहस्य
Dipesh Thakur|Updated: Jan 11, 2025, 07:18 PM IST
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Makar sankranti 2025: मकर संक्रांति, हिंदू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है, जिसे देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. यह त्योहार सूर्य देवता के मकर राशि में प्रवेश (संक्रांति) का प्रतीक है और सूर्य की उपासना को समर्पित है. इसका संबंध विज्ञान, अध्यात्म और कृषि से जुड़ी परंपराओं से है.ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर मकर संक्रांति क्यों मनाते हैं और इस दिन खिचड़ी-दान का क्या रहस्य है.

सूर्य के उत्तरायण का प्रतीक

मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण (उत्तर की ओर यात्रा) का शुभारंभ है. इस दिन से दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं. उत्तरायण को धार्मिक रूप से शुभ समय माना गया है. यह त्योहार कृषि आधारित समाज में नई फसल के आगमन का उत्सव है और इसे नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है.

गंगा स्नान और दान का महत्व

मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा स्नान और गंगा किनारे किये गए दान को अत्यंत पवित्र माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, माघ मास में किए गए दान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है.

शास्त्रों में वर्णित श्लोक

माघे मासे महादेव: यो दास्यति घृतकम्बलम
स भुक्त्वा सकलान भोगान अन्ते मोक्षं प्राप्यति

इस श्लोक का भावार्थ है- माघ मास में जो व्यक्ति भगवान शिव को घी और कंबल का दान करता है, वह सभी सांसारिक सुखों का आनंद लेते हुए अंत में मोक्ष प्राप्त करता है.

दान-पुण्य की महिमा

मकर संक्रांति के दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध और तर्पण जैसे धार्मिक कार्य अत्यंत शुभ माने गए हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि मकर संक्रांति पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुनः प्राप्त होता है. इसके अलावा इस दिन शुद्ध घी और कंबल का दान मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना गया है. 

मकर संक्राति पर खिचड़ी दान का क्या है रहस्य

मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने की परंपरा धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारणों से जुड़ी है. खिचड़ी को सूर्य और शनि ग्रह का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन खिचड़ी का सेवन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. दाल, चावल और सब्जियों से तैयार खिचड़ी एक संतुलित और पौष्टिक भोजन है, जो सर्दियों में शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करता है. खिचड़ी के साथ तिल और गुड़ का सेवन भी किया जाता है, जो पाचन और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है. इस दिन खिचड़ी दान करना अत्यंत शुभ माना गया है. धार्मिक ग्रंथों में गंगा स्नान और खिचड़ी दान का विशेष उल्लेख मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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