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Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या के दिन पितरों के लिए इस तरह से जलाएं दीप, प्रसन्न होकर पितृ देंगे आशीर्वाद

Mauni Amavasya 2024 Upay: हिंदू शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या पर पितर धरती लोक पर आते हैं. ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं. 

 
mauni amavasya 2024
mauni amavasya 2024
shilpa jain|Updated: Feb 01, 2024, 07:01 AM IST
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Mauni Amavasya Remedies: सनातन धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है. ऐसे ही हर माह आने वाली अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है. इस दिन किए गए कुछ उपाय पितरों को प्रसन्न करते हैं और  पितृ दोष से मुक्ति दिलाते हैं. इस बार माघ माह की अमावस्या 9 फरवरी शुक्रवार के दिन पड़ रही है. इसे मौनी अमावस्या के नाम से जानते हैं. इस दिन स्नान-दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.

मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पितर पितृ लोक से धरती पर आते हैं. इस दिन वंशजों द्वारा किए गए छोटे-छोटे कार्य पितरों को तृप्त करते हैं. वहीं, अगर में तृप्त नहीं होते, तो वे दुखी हो जाते हैं और वंशजों को श्राप देते हैं. इससे उनके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आने लगती हैं. मौनी अमावस्या पर पितरों के तर्पण, दान, श्राद्ध आदि के साथ दीप का भी विशेष महत्व बताया गया है. जानें इस दिन पितरों के लिए दीप कब और कहां जलाएं. 

मौनी अमावस्या पर क्यों जलाते हैं दीप 

ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पितर धरती पर आते हैं और वंशजों द्वारा किए गए कार्यों, तर्पण, श्राद्ध आदि से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं. कहते हैं इस दिन सूर्यास्त के बाद पितर अपने लोक वापस लौट जाते हैं. ऐसे में उनके रास्ते में अंधेरा न हो, इस कारण पितरों के लिए दीप जलाते हैं. इससे वे खुश होते हैं और वंशजों को सुख, शांति, समृद्धि, धन, दौलत, वंश, यश आदि का आशीर्वाद देते हैं.  

मौनी अमावस्या पर कब और कहां जलाएं दीप

हिंदू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय 07 बजकर 05 मिनट पर होगा और सूर्यास्त 06 बजकर 06 मिनट पर. ऐसे में आपको पितरों के लिए दीपक अंधेरा होने से पहले ही जला देना चाहिए. बता दें कि इस दिन पितरों के लिए दीप किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे जला दें. इसके अलावा घर की दक्षिण दिशा में भी दीपक जला सकते हैं.  

कैसे जलाएं पितरों के लिए दीपक

मौनी अमावस्या पर एक मिट्टी का दीपक ले लें और उसे पानी से साफ करके सूखा लें. शाम के समय उस दीपक में सरसों का तेल भरें. इसमें रूई की बत्ती लगाएं. इसके बाद पितरों का स्मरण कर दीप जला दें.  वहीं, पितृ पक्ष में पितरों के लिए हर दिन दीप जलाया जा सकता है. पितरों को खुश करने से जीवन में सुख-शांति आती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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