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Mauni Amavasya 2024: मौन रहना केवल कुछ बोलना नहीं बल्कि… क्या है खामोश रहने का सही मतलब

Maun Vrat: साल 2024 में 9 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी. आप भी मौनी अमावस्या का पर्व मनाते हुए दान दक्षिणा तो करेंगे ही लेकिन मौन व्रत तभी सार्थक होगा जब मौन का वास्तविक अर्थ आत्मसात करेंगे. 

Mauni Amavasya 2024: मौन रहना केवल कुछ बोलना नहीं बल्कि… क्या है खामोश रहने का सही मतलब
Shilpa Rana|Updated: Feb 07, 2024, 04:09 PM IST
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Mauni Amavasya 2024: माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाने की परम्परा है. कुछ लोग इस दिन सुबह मौन रखते हुए सूर्योदय के पहले ही जागने के बाद स्नान पूजन करने के बाद ही अपना मौन तोड़ते हैं. वहीं, कुछ लोग पूरे 24 घंटे के मौन व्रत का पालन करते हुए अगले दिन जागने और भगवान का पूजन करने के बाद ही कुछ बोलते हैं. इस बार 9 फरवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी. आप भी मौनी अमावस्या का पर्व मनाते हुए दान दक्षिणा तो करेंगे ही लेकिन मौन व्रत तभी सार्थक होगा जब मौन का वास्तविक अर्थ आत्मसात करेंगे. 

 

जानें महत्व

भारतीय ऋषि और महर्षि केवल पूजा पाठी ही नहीं थे बल्कि उच्च कोटि के विद्वान और वैज्ञानिक भी थे. उन्होंने प्रत्येक पूजा पाठ की विधि को विज्ञान की कसौटी पर खरा करने बाद ही जनमानस को इसे मानने के लिए लागू किया. मौन शब्द का अर्थ यदि आप चुप रहने को समझ रहे हैं तो गलत है. मौन केवल वाणी का नहीं बल्कि मन का यानी आंतरिक होता है. वाणी के मौन से हम केवल शब्दों पर नियंत्रण कर सकते हैं किंतु आंतरिक मौन रहेगा तो विचारों पर भी नियंत्रण कर सकेंगे. इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक मौन रहते और भोजन का त्याग करते हुए दोपहर में पितरों का स्मरण पूजन करने के साथ ही कुत्ते और कौवे के लिए भोग निकाला जाता है. 

 

मिलती है ईश्वरीय ऊर्जा

मन को चंचल माना जाता है और यह दिन भर किसी न किसी विषय पर विचार ही नहीं करता है बल्कि मन में आने वाले विचारों को शब्दों के रूप में वाणी से बाहर भी निकालता है. असली मौन तो तब होता है जब व्यक्ति सोचना ही छोड़ दे यानी मन के पटल पर अच्छे या बुरे किसी भी तरह के विचार न आएं, इसे ही मौन साधना की परम अवस्था माना जाता है. ऐसा होने पर ही ईश्वर से संपर्क स्थापित होता है और उनसे ऊर्जा प्राप्त होती है. 

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