Papmochani Ekadashi 2025: हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2081 की आखिरी एकादशी तिथि चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाएगी. इस एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहते हैं. इस एकादशी को साल की सभी 24 एकादशी में विशेष माना गया है क्योंकि यह एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली है. धर्म-शास्त्रों के अनुसार पापमोचिनी एकादशी का व्रत करने से जाने अनजाने में हुए पूर्व जन्मों और इस जन्म के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.
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पापमोचिनी एकादशी 2025
सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित हैं. एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है, उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इससे विष्णु भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है. श्रीहरि सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस साल 26 मार्च बुधवार को पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
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ऐसे करें पापमोचनी एकादशी व्रत
पापमोचिनी एकादशी की सुबह जल्दी उठें और फिर स्नान करें. गंगाजल से स्नान करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है. स्नान के बाद भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए एकादशी व्रत व पूजा का संकल्प लें. फिर पूजा स्थल की साफ-सफाई करें. गंगाजल छिड़ककर जगह को पवित्र करें. फिर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें. विष्णु भगवान के मंत्र, स्तोत्र आदि का पाठ करें. इस दिन भगवान विष्णु के महामंत्र ‘ॐ नमो: भगवते वासुदेवाय’ का जाप करने पर व्रत का लाखों गुना फल प्राप्त होगा. एकादशी का व्रत केवल फलाहार करके रखना चाहिए. फिर अगले दिन द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण करें.
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