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Putrada Ekadashi 2025: पुत्रदा एकादशी आज, भूलकर भी ना करें ये काम, मिल सकते हैं बुरे परिणाम

Pausha Putrada Ekadashi 2025: आज साल की पहली एकादशी यानी पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है. पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है.

Putrada Ekadashi 2025: पुत्रदा एकादशी आज, भूलकर भी ना करें ये काम, मिल सकते हैं बुरे परिणाम
Dipesh Thakur|Updated: Jan 10, 2025, 09:54 AM IST
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Paush Putrada Ekadashi 2025 Mistakes: आज साल की पहली एकादशी यानी पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है. पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. पुत्रदा एकादशी का व्रत साल में दो बार रखा जाता है- पौष शुक्ल पक्ष और श्रावण शुक्ल पक्ष.कहा जाता है कि पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का विधिवत पालन करने पर इंसान की मनोकामना पूरी होती है. साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. शास्त्रों के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी के दिन कुछ गलतियों से सावधान रहना चाहिए. आइए जानते हैं कि पौष पुत्रदा एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए. 

पुत्रदा एकादशी पर क्या ना करें

शास्त्रों के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी के दिन दाल और अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए, बल्कि इस दिन फल, दूध जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए. 

पुत्रदा एकादशी के दिन तामसिक भोजन जैसे नॉनवेज और शराब इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्याता है कि एकादशी के दिन ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त नहीं होती. 

एकादशी व्रत के दिन पारण से पहले व्रत नहीं खोलना चाहिए. ऐसा करना बहुत अशुभ माना गया है. कहा जाता है कि पारण से पहले व्रत खोलने पर अशुभ परिणाम प्राप्त होते हैं. 

एकादशी के दिन अपने मन को बिल्कुल शांत रखने की कोशिश करनी चाहिए. इस दिन किसी से भी लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए और ना ही इस दिन किसी को भला-बुरा करना चाहिए. ऐसा करने से श्रीहरि की कृपा रुक जाती है. 

एकादशी पर आज भगवान विष्णु की पूजा के दौरान काले रंग के वस्त्र का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस दिन काले रंग के कपड़े पहनकर पूजा करना अशुभ माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में लाल या पीले रंग के कपड़े पहने जा सकते हैं. 

कब होगा पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण?  

हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत आज यानी 10 जनवरी को रखा जा रहा है. जबकि, इस व्रत का पारण 11 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 21 मिनट के बीच करना सबसे शुभ रहेगा. मान्यतानुसार, पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति की कामना और उसकी खुशहाली के लिए रखा जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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